कई गंभीर बीमारियां दे सकता है प्लास्टिक -पुरुषों में स्पर्म की कमी के साथ लिवर भी हो सकता है डैमेज

नई दिल्ली। प्लास्टिक का स्वास्थ्य और पर्यावरण पर प्रभाव: एक गंभीर चिंता
प्लास्टिक, चाहे किसी भी प्रकार का हो, हमारे स्वास्थ्य और पर्यावरण के लिए गंभीर खतरा बन चुका है। हम में से अधिकांश लोग जब यात्रा करते हैं, तो बिना सोचे-समझे प्लास्टिक की बोतल और पाउच में भरा पानी खरीद लेते हैं, यह सोचने के बिना कि इसका हमारे शरीर पर क्या प्रभाव पड़ सकता है। एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत हर साल 35 लाख टन प्लास्टिक कचरा उत्पन्न करता है, और पिछले पांच वर्षों में प्रति व्यक्ति प्लास्टिक कचरा उत्पादन लगभग दोगुना हो गया है। इस साल की शुरुआत में आयोजित एक कार्यक्रम में उन्होंने बताया कि प्लास्टिक का उपयोग पर्यावरण के लिए एक बड़ी समस्या बन चुका है, जो हमारे पारिस्थितिकी तंत्र को गंभीर रूप से प्रभावित कर रहा है।
हार्वर्ड स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ के एक अध्ययन में पाया गया कि जिन प्रतिभागियों ने पॉली कार्बोनेट की बोतलों से पानी पिया, उनके यूरिन में बिस्फेनॉल ए (बीपीए) का उच्च स्तर पाया गया। यह रसायन हृदय रोग और डायबिटीज की संभावना को बढ़ा सकता है। विशेषज्ञों के अनुसार, जब प्लास्टिक की बोतलें गर्मी के संपर्क में आती हैं, तो ये पानी में माइक्रो प्लास्टिक छोड़ती हैं, जो मानव शरीर में कई समस्याएं पैदा कर सकती हैं। इन सूक्ष्म प्लास्टिक कणों के बढ़ने से हार्मोन असंतुलन, बांझपन, और लिवर से संबंधित स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं।
प्लास्टिक की बोतलें हजारों वर्षों तक पर्यावरण में बनी रहती हैं, जिससे भूमि और जल प्रदूषण की समस्या बढ़ती है। यह न केवल हमारे स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है, बल्कि जीवों और पारिस्थितिकी तंत्र पर भी प्रतिकूल प्रभाव डालता है। इसलिए, विशेषज्ञ लोगों से प्लास्टिक बोतलों के बजाय स्वास्थ्य के लिए लाभदायक विकल्पों का चयन करने का आग्रह कर रहे हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि लंबे समय तक प्लास्टिक की बोतलों का उपयोग करने से पुरुषों में शुक्राणुओं की संख्या कम हो सकती है और लड़कियों में जल्दी यौवन का खतरा बढ़ सकता है। इसके अलावा, बोतलबंद पानी का नियमित सेवन करने वाले व्यक्तियों में लिवर और ब्रेस्ट कैंसर का खतरा भी अधिक होता है।
वर्तमान समय में, अधिकांश लोग घरों में पानी स्टोर करने के लिए प्लास्टिक की बोतलें ही प्रयोग कर रहे हैं। यह आवश्यक है कि हम अपने स्वास्थ्य और पर्यावरण को सुरक्षित रखने के लिए अधिक सतर्क रहें। प्लास्टिक की जगह स्वास्थ्यवर्धक सामग्री से बनी बोतलों का उपयोग करें। यह न केवल हमारी सेहत के लिए बेहतर है, बल्कि हमारे पर्यावरण की रक्षा में भी सहायक होगा। हमें जागरूक रहना चाहिए और प्लास्टिक के नुकसानदायक प्रभावों को समझते हुए सही विकल्प चुनने की दिशा में कदम बढ़ाना चाहिए।