मुंबई । महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में अब कुछ ही दिन बाकी हैं, और चुनावी प्रचार ने जोर पकड़ लिया है। इस बीच उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का बंटोगे तो कटोगे नारा राज्य की राजनीति में एक नया मोड़ ले आया है। योगी ने आरोप लगाया कि रजाकारों ने कांग्रेस अध्यक्ष के परिवार को निशाना बनाया था और उनकी मां, चाचा और चाची को जला दिया था। उनका यह आरोप एक ऐतिहासिक घटना से जुड़ा है, जब हैदराबाद में निजाम के खिलाफ भारत सरकार के सैनिकों ने कार्रवाई की थी और रजाकारों ने हिंदुओं का कत्लेआम किया था।
रजाकार निजाम के निजी सैनिक थे, जिन्होंने स्वतंत्रता संग्राम के बाद भारतीय संघ में विलय के खिलाफ हिंसा फैलायी थी। 1948 में जब सरदार पटेल ने हैदराबाद में सैन्य हस्तक्षेप का आदेश दिया, तो रजाकारों ने व्यापक हिंसा की और हजारों निर्दोष लोगों को मारा। सीएम योगी का आरोप है कि कांग्रेस अध्यक्ष खरगे का परिवार भी इस हिंसा का शिकार हुआ था, हालांकि कांग्रेस की ओर से इस पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है। यह घटना 1948 के बाद की है, जब भारत के कर्नाटक, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश के कुछ इलाके हैदराबाद राज्य का हिस्सा थे। रिपोर्टों के मुताबिक, रजाकारों ने बिदर जिले के गोर्ता गांव में 200 से अधिक लोगों को मारा था और उनका शव लक्ष्मी मंदिर में जलाया था। यह घटना मल्लिकार्जुन खरगे के परिवार से जुड़ी बताई जाती है, लेकिन अब तक इस पर कोई स्पष्ट जवाब नहीं मिला है। यह विवाद राजनीतिक मैदान में और भी गर्मा गया है, और अब यह देखना होगा कि कांग्रेस इस आरोप पर किस तरह प्रतिक्रिया देती है। बता दें कि योगी के नारे के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी राज्य में एक नया नारा दिया, एक हैं तो सेफ है, जो योगी के नारे से मिलता-जुलता है। इस पर राजनीति गरमा गई, और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने योगी आदित्यनाथ पर हमला बोलते हुए उन्हें आतंकवादियों जैसी भाषा बोलने का आरोप लगाया। खरगे का कहना था कि योगी भगवा वस्त्र पहनते हैं लेकिन उनकी भाषा बहुत ही घातक और हिंसक है। उन्होंने यह भी कहा कि ऐसी भाषा तो आतंकवादी ही बोलते हैं। इसके बाद भारतीय जनता पार्टी ने कड़ी प्रतिक्रिया दी और कांग्रेस अध्यक्ष के बयान को नकारात्मक बताया। इस बयानबाजी के बीच सीएम योगी ने मल्लिकार्जुन खरगे पर एक नया आरोप लगाया है, जिससे कांग्रेस पूरी तरह बैकफुट पर आ गई है।