लाओस में हो सकती है भारत-चीन रक्षा मंत्रियों की अहम मुलाकात

-बैठक को लेकर क्या कहते हैं विशेषज्ञ
नई दिल्ली । भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह अगले हफ्ते लाओस में आसियान रक्षा मंत्रियों की बैठक (एडीएमएम प्लस) में भाग लेंगे, जिसमें उनके चीनी समकक्ष डोंग जून से मिलने की संभावना है। यह संभावित मुलाकात दोनों देशों के बीच अप्रैल 2023 के बाद मंत्री स्तर की पहली बातचीत होगी। अगर ऐसा होता है, तो इसे लद्दाख में पैट्रोलिंग अरेंजमेंट पर सहमति के बाद दोनों देशों के रक्षा संवाद को एक नई दिशा देने वाला कदम माना जा सकता है।
इस मामले में विशेषज्ञों का मानना है कि इस मुलाकात से भारत और चीन के बीच संवाद को एक सकारात्मक संकेत मिलेगा। जाने-माने चीन मामलों के विशेषज्ञ हर्ष वी. पंत ने कहा कि गलवान संघर्ष के बाद से दोनों देशों के बीच गहरा अविश्वास बना हुआ है, जिससे रक्षा संवाद प्रभावित हुआ है। हालांकि, पंत के अनुसार, अगर यह बैठक होती है, तो इसे दोनों देशों के बीच विश्वास बहाली के एक प्रयास के रूप में देखा जाएगा।
पिछले कुछ समय में भारत-चीन के बीच कई उच्चस्तरीय मुलाकातें हो चुकी हैं। हाल ही में कज़ान में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच बातचीत हुई थी। इसके बाद विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कहा था कि दोनों देशों ने सीमा विवाद के स्थायी समाधान के लिए विशेष प्रतिनिधि स्तर की वार्ता की आवश्यकता पर जोर दिया है। राजनाथ सिंह के इस दौरे से पहले हाल ही में उन्होंने चाणक्य डिफेंस डायलॉग में कहा था कि लद्दाख में पैट्रोलिंग अरेंजमेंट पर महीनों तक चली कूटनीतिक वार्ताओं का नतीजा है। जानकारों के अनुसार, लाओस में होने वाली संभावित मुलाकात से यह संकेत मिलेगा कि दोनों देश, विशेष रूप से भारत, रिश्तों को सामान्य बनाने की दिशा में सधे हुए कदमों से आगे बढ़ना चाह रहे हैं। लाओस में यह संभावित बैठक भारत-चीन के बीच संवाद का एक महत्वपूर्ण पड़ाव हो सकता है, जो क्षेत्रीय स्थिरता और दोनों देशों के रिश्तों में विश्वास बहाली की ओर एक कदम साबित हो सकता है।