महाकुंभ में नहीं होगी शौचालय की असुविधा, सार्वजनिक शौचालय की जिओ टैगिंग शुरु

वाराणसी । महाकुंभ 2025 में श्रद्धालु प्रयागराज के बाद वाराणसी आएंगे। श्रद्धालुओं की सबसे बड़ी समस्या साफ-सुथरे शौचालय मिलने की होती है। सड़क पर पड़ने वाले सार्वजनिक शौचालय का पता करना मुश्किल होता है। वाराणसी जिला प्रशासन ने श्रद्धालुओं की इस समस्या का समाधान करने के लिए प्रयागराज से वाराणसी के सभी रास्तों पर सार्वजनिक शौचालय की जिओ टैगिंग शुरू कर दी है।
मुख्य विकास अधिकारी ने बताया कि नगर निगम के तर्ज पर ग्रामीण इलाकों में मौजूद सार्वजनिक शौचालय की जिओ टैगिंग का काम शुरू कर दिया गया है। ग्रामीण इलाकों में वर्तमान में 700 से ज्यादा सार्वजनिक शौचालय हैं। इनकी साफ-सफाई के लिए जिम्मेदार सफाईकर्मी की जिओ टैगिंग के जरिये निगरानी की जा रही है। सर्च इंजन गूगल पर इन सभी सार्वजनिक शौचालय की लोकेशन रहेगी। कोई भी गूगल मैप के जरिये अपने आसपास मौजूद सार्वजनिक शौचालय का पता लगा सकता है। शौचालयों को गूगल मैप पर पिन किया जा रहा।
जिलाधिकारी ने महाकुंभ के दौरान मार्ग पर खुले में मीट की बिक्री होने पर संबंधित विभाग के खिलाफ कार्रवाई की चेतावनी दी है। किसी की धार्मिक भावनाएं आहत न हो। डीएम ने हरहुआ, जगतपुर, लहरतारा आदि जगहों पर सुविधा के अनुसार स्थलों को चिन्हित करते हुए अस्थायी बस स्टैंड बनाने को कहा गया ताकि शहर में अनावश्यक जाम नहीं लगे। जिलाधिकारी ने कहा कि शहर को प्लास्टिक फ्री हेतु एक सप्ताह तक लगातार जागरूकता अभियान चलाये।
जिलाधिकारी ने कहा कि दिशासूचक बोर्ड लगाने, गलियों में गंदगी न हो और शहर में नियमित साफ़ सफाई होनी चाहिए। खाद्य सुरक्षा विभाग को होटेलों, दुकानों, ठेलों आदि पर संचालित खाद्य सामग्रियों की गहन चेकिंग करने, गुणवत्ता तय करे, ताकि किसी श्रद्धालु की धार्मिक भावना आहत न हो। जिलाधिकारी ने बिजली विभाग को निर्देश दिए कि जर्जर तारों को चेंज करने और ट्रांसफार्मर खंबे को प्लास्टिक से ढके साथ ही सड़क पर अवरोध बने विद्युत पोल को अविलंब शिफ्ट किया जाए।