अस्त-व्यस्त

ये जो मेज देख रहे हो तुम ,

भरी अस्त-व्यस्त चीजों से ,

ज़रा सा इनको संवारों तुम ,

चमक उठेंगी तुम्हारी आंखों में ।

ठीक होता ऐसा ही ,

तुम्हारा मन भी ,

भरा अस्त-व्यस्त विचारों से ,

ज़रा सा इनको संवारोगे ,

अंतस से तुम चमक उठोगे ।।