नई दिल्ली । साल 2024 अब चला चली की बेला में हैं और नया साल 2025 का आगमन होने जा रहा है। इन्ही दोनों सालों के बीच कड़ाके की ठंड भी दस्तक देने जा रही है। हालांकी ठंड का आगमन पहले होगा और तीसरे दिन से नए साल की शुरुआत होगी। पिछले छह वर्षों से नए साल की पूर्व संध्या पर पारा 5 डिग्री सेल्सियस या उससे कम रहा है, जिसमें सबसे कम 2.4 डिग्री 28 दिसंबर 2019 को दर्ज किया गया था। 2007 से अब तक न्यूनतम तापमान 7 डिग्री से नीचे ही रहा है। इस साल भी ऐसा ही रहने की संभावना है, और 31 दिसंबर की शाम/रात को तापमान 6-7 डिग्री सेल्सियस के बीच रहने का अनुमान है।
उत्तर भारत शीतलहर की चपेट में है। वहीं, मैदानी इलाकों में कड़ाके की ठंड के साथ बारिश ने दस्तक दी और पहाड़ों पर जमकर बर्फबारी हो रही है। वहीं दिल्ली में शीतलहर जारी है। आईएमडी के अनुसार आज न्यूनतम तापमान 9 दर्ज किया गया है। अगले सप्ताह शुष्क और ठंडा मौसम जारी रहेगा। नए साल की पूर्व संध्या पर ठंड और हल्की धुंध छाई रहेगी, जिससे खुले में होने वाले कार्यक्रमों में मुश्किल हो सकती है। पंजाब, हरियाणा-चंडीगढ़, राजस्थान के अलग-अलग स्थानों में 30 दिसंबर तक देर रात/सुबह के दौरान घने से बहुत घने कोहरे की स्थिति बनी रहने की संभावना है। हिमाचल प्रदेश के कुछ स्थानों में 30 और 31 दिसंबर को शीत लहर से लेकर भीषण शीतलहर की स्थिति बनी रहने की संभावना है। दिल्ली में देर रात और सुबह के समय घना कोहरा छाया रहेगा। इसमें आंशिक रूप से बादल छाए रहने और शाम या रात के समय शीतलहर की संभावना है।
दिसंबर में ठंड और तापमान की स्थिति
इस दिसंबर का सबसे कम तापमान 4.5 डिग्री सेल्सियस, 16 दिसंबर 2024 को दर्ज किया गया था। आमतौर पर, दिसंबर का आखिरी सप्ताह सबसे ठंडा होता है, लेकिन इस बार यह पैटर्न बदल सकता है। पिछले साल न्यूनतम तापमान 4.9 डिग्री सेल्सियस (15 दिसंबर) को दर्ज किया गया था। पिछले चार दिनों में न्यूनतम तापमान 8-9 डिग्री सेल्सियस के बीच रहा है। चक्रवाती परिसंचरण और इससे संबंधित मौसम गतिविधियों के कारण हवाओं के पैटर्न में बदलाव होगा। उत्तरी मैदानी इलाकों में ठंडी हवाएं रुक जाएंगी। लगातार बादल छाए रहने से रात में ठंड कम होगी, और तापमान बढ़कर 10-12 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच सकता है। इसके बाद, तापमान में फिर से गिरावट आएगी और नए साल के जश्न के दौरान काफी ज्यादा ठंड बढ़ जाएगी।