स्पैडेक्स मिशन के सफल प्रक्षेपण पर केंद्रीय मंत्री ने जताई खुशी

भारत ने फिर दिखाया दम, दो अंतरिक्ष यान किए लॉन्च
नई दिल्ली । भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने दो अंतरिक्ष यान लॉन्च किए हैं जो भविष्य के अंतरिक्ष मिशनों के लिए डॉकिंग एक महत्वपूर्ण तकनीक का प्रदर्शन करने में मदद करेंगे। इसरो के अंतरिक्ष यान सोमवार देर रात सफलतापूर्वक एक दूसरे से अलग हो गए और उन्हें वांछित कक्षा में स्थापित कर दिया गया है।
स्पैडेक्स मिशन के सफल प्रक्षेपण पर केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने खुशी जताई। उन्होंने कहा कि भारत स्वदेशी रूप से विकसित भारतीय डॉकिंग सिस्टम के जरिए अंतरिक्ष डॉकिंग हासिल करने वाले चुनिंदा देशों की सूची में शामिल होने वाला चौथा देश बन गया है।
इसरो प्रमुख एस सोमनाथ ने कहा कि रॉकेट ने 15 मिनट की उड़ान के बाद उपग्रहों को 475 किलोमीटर की वृत्ताकार कक्षा में स्थापित कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि रॉकेट ने दोनों अंतरिक्ष यान को सही कक्ष में स्थापित कर दिया है और स्पैडेक्स उपग्रह एक के पीछे एक चले गए और समय के साथ यह और अधिक दूरी तय करेंगे। यह करीब 20 किमी दूर तक जाएगा जिसके बाद इन्हें मिलाने और डॉकिंग प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। हम आशा करते हैं कि डॉकिंग प्रक्रिया सात जनवरी तक प्रक्रिया पूरी हो सकती है।
इस अभियान को इसरो द्वारा 2035 तक खुद का अंतिरक्ष स्टेशन स्थापित करने से पहले का एक अहम कदम माना जा रहा है। पीएसएलवी सी-60 अभियान के कारण भारत एक विशिष्ट क्लब में शामिल हो जाएगा, क्योंकि वह इस महत्वपूर्ण लक्ष्य को कुछ दिन में हासिल कर लेगा। पीएसएलवी रॉकेट की लंबाई 44.5 मीटर है और इसके जरिये दो अंतरिक्ष यान-स्पेसक्राफ्ट ए (एसडीएक्स01) और स्पेसक्राफ्ट बी (एसडीएक्स02) को भेजा गया, जिसमें प्रत्येक का वजन 220 किलोग्राम है।