जनजातीय समाज का उत्थान व उनका सशक्तीकरण मोदी सरकार की प्राथमिकता है : केन्द्रीय गृह मंत्री

अमित शाह ने नई दिल्ली स्थित गुजरात भवन में ग्रामीण एवं आदिवासी समाज के छात्रों के साथ संवाद किया
अहमदाबाद | केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने आज नई दिल्ली के चाणक्यपुरी स्थित गुजरात भवन में गुजरात के डांग जिले के संतोकबा ढोलकिया विद्या मंदिर के ग्रामीण एवं आदिवासी समाज के छात्रों के साथ एक प्रेरक शैक्षणिक संवाद किया। यह विशेष कार्यक्रम इन छात्रों के लिए प्रेरणादायक और अपने अनुभवों को साझा करने का एक अनूठा अवसर रहा। अमित शाह ने इस अवसर पर शिक्षा, युवा सशक्तिकरण और राष्ट्रीय विकास में छात्रों की भूमिका पर गहन विचार रखे। इस संवाद का लक्ष्य छात्रों को प्रेरित करना और उनकी शैक्षणिक एवं करियर से जुड़ी जिज्ञासाओं का समाधान करना था। गृह मंत्री ने छात्रों के प्रश्नों के उत्तर देते हुए उन्हें मेहनत, समर्पण और दृढ़ संकल्प की महत्ता पर बल दिया। शाह ने कहा कि चाहे जनजातीय गौरव दिवस मनाना हो या श्रीमती द्रौपदी मुर्मु जी को भारत की राष्ट्रपति के रूप में चुनना हो, इन निर्णयों ने जनजातीय समाज के गौरव को एक नये शिखर पर ले जाने का काम किया है। जनजातीय समाज का उत्थान व उनका सशक्तीकरण हमारी प्राथमिकता है। आजादी के बाद जनजातिय समाज को उनका वास्तविक सम्मान देने का काम मोदी जी ने किया है। अमित शाह ने कहा, “छात्र देश की प्रगति की आधार हैं, और उनका परिश्रम व समर्पण भारत को नई ऊंचाइयों तक ले जाएगा।” उन्होंने छात्रों को डॉक्टर, इंजीनियर और सिविल सेवक जैसे करियर में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करते हुए कहा, “यदि आप देश के विकास को अपना लक्ष्य बनाएंगे, तो आपका व्यक्तिगत विकास स्वाभाविक रूप से सुनिश्चित होगा। इसलिए, आपका मूल उद्देश्य देश के विकास के लिए कार्य करना होना चाहिए।” शाह ने आगे कहा कि मोदी सरकार 50% से अधिक ST आबादी वाले और कम से कम 20,000 आदिवासी व्यक्तियों वाले प्रत्येक ब्लॉक में एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय की स्थापना द्वारा आदिवासी छात्र-छात्राओं को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध करा रही है। चिकित्सा, इंजीनियरिंग और तकनीकी शिक्षा में आदिवासी छात्रों के लिए भाषा एक बाधा रही है, इसे देखते हुए मोदी सरकार ने मातृभाषा में परीक्षा देने का विकल्प प्रदान किया है। इन फैसलों से आदिवासी छात्रों को एक नई उम्मीद मिली है। आजादी के बाद के छह दशकों में देश में केवल एक केंद्रीय आदिवासी विश्वविद्यालय था, वहीं पिछले एक दशक में हमारी सरकार में 2 नए आदिवासी विश्वविद्यालय स्थापित किए। छात्रों ने गृह मंत्री के साथ शिक्षा एवं करियर पर अपने विचार साझा किए। शाह ने छात्रों को सुझाव दिए कि वे किस प्रकार देश की प्रगति में योगदान दे सकते हैं। कार्यक्रम के अंत में गृह मंत्री ने छात्रों को परिश्रम और ईमानदारी के साथ अपने लक्ष्यों की ओर बढ़ने के लिए प्रेरित करते हुए कहा कि “राष्ट्र निर्माण में छात्रों की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है और उनकी सफलता ही भारत को अग्रणी बनाने में सहायक होगी”। इस अवसर पर गुजरात भवन के रेजिडेंट कमिश्नर डॉ. विक्रान्त पांडेय और संतोकबा ढोलकिया विद्या मंदिर (डांग) के संस्थापक एवं सेक्रेटरी पी.पी.स्वामी भी उपस्थित रहे। यह पहल केंद्रीय गृह मंत्री की युवाओं के साथ प्रत्यक्ष संवाद और उन्हें प्रोत्साहित करने की प्रतिबद्धता का हिस्सा है। यह कार्यक्रम न केवल इन सभी ग्रामीण एवं आदिवासी समाज के छात्रों के लिए प्रेरणास्रोत साबित हुआ, बल्कि इसके द्वारा उन्हें देश के गृह मंत्री के साथ खुलकर बातचीत करने का अवसर भी मिला।