Deprecated: Optional parameter $delete_original declared before required parameter $container is implicitly treated as a required parameter in /home2/kalikama/public_html/indoresamachar/wp-content/plugins/bluehost-wordpress-plugin/vendor/newfold-labs/wp-module-performance/includes/Images/ImageUploadListener.php on line 32

Warning: Cannot modify header information - headers already sent by (output started at /home2/kalikama/public_html/indoresamachar/wp-content/plugins/bluehost-wordpress-plugin/vendor/composer/ClassLoader.php:576) in /home2/kalikama/public_html/indoresamachar/wp-content/plugins/post-views-counter/includes/class-counter.php on line 904
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में अतिथि देवो भव: के भाव को किया चरितार्थ – Indore Samachar

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में अतिथि देवो भव: के भाव को किया चरितार्थ

समिट की सुमधुर स्मृतियां, दीर्घकालिक संबंधों का बनेंगी आधार
समिट के लंच-डिनर सेशन ने देश-विदेश के प्रतिनिधियों को किया आकर्षित
प्रदेश की संपन्नता, आत्मीय और सर्व समावेशी व्यवहार के प्रकटीकरण का माध्यम बना समिट का स्वादिष्ट भोजन
परोसे गए व्यंजनों का स्वाद और सुगंध विश्व के कोने-कोने में पहुंची
मुख्यमंत्री डॉ. यादव के निर्देशन में हुई सत्कार व्यवस्था की देश-विदेश के अतिथियों ने की सराहना

भोपाल । मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट के पर्यटन व संस्कृति पर केंद्रित सत्र में कहा था कि मेले का मतलब है मेल-जोल बढ़ाना और ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट, उद्योगपितयों-निवेशकों-उद्यमियों और सरकार व प्रदेशवासियों के बीच मेल-जोल बढ़ाने का प्रभावी माध्यम है। भोपाल में पहली बार आयोजित ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में देश दुनिया के प्रमुख उद्योगपति, निवेशक, यंग इन्नोवेटर, जनप्रतिनिधि और अधिकारी शामिल हुए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव की मंशानुसार निवेश के इस महाकुंभ में पधार रहे सभी अतिथियों का स्वागत-सत्कार, भारतीय संस्कृति के अतिथि देवो भव: का भाव जीआईएस में साकार हुआ। उनका विचार था कि यह आयोजन परस्पर मेल-जोल, सद्भावना और सुखद अनुभूति के साथ हो और समिट की सुमधुर स्मृतियां, लंबे चलने वाले संबंधों का आधार बनें। अत: इस वैश्विक आयोजन में अतिथियों के आवागमन-आवास और भोजन की व्यवस्था के प्रति आरंभ से ही विशेष संवेदनशीलता रही।
वैश्विक सम्मेलन में, विविधता से भरे हमारे देश के विभिन्न भागों के साथ-साथ दुनिया के लगभग 60 देशों के प्रतिनिधि शामिल हुए। भोजन, सभी की मूल आवश्यकता है, परंतु अलग-अलग सामाजिक -सांस्कृतिक-भौगोलिक परिवेश के कारण भोजन के लिए लोगों की आदतें, रुचियां और आवश्यकताएं अलग-अलग होती हैं। विभिन्न क्षेत्रों से आए इन विशिष्ट जन के लिए भोजन की व्यवस्था एक चुनौती थी। विविधता भरे समागम में सभी के स्वाद और संतुष्टि के अनुरूप भोजन की व्यवस्था करना, एक प्रकार से अपनी दक्षता का प्रमाण देने जैसा था।
भोजन हमारी संपन्नता- सांस्कृतिक विविधता और समृद्ध विरासत को अभिव्यक्त करने का माध्यम है। यह माना जाता है कि भोजन में लोगों को जोड़ने की अद्भुत क्षमता है। अच्छे स्वाद-सुगंध-स्पर्श और आकर्षक प्रस्तुतिकरण से भोजन की यह क्षमता और बढ़ जाती है। देश के दिल में बसे मध्यप्रदेश का भोजन, नए बदलावों को समरसता के साथ आत्मसात करने का प्रतीक है। स्वरुचि भोज परस्पर सौहार्द्र पैदा करने की सामर्थ्य रखते हैं। ग्लोबल समिट के लंच डिनर सेशन, प्रदेश की संपन्नता और आत्मीय तथा सर्व समावेशी व्यवहार के प्रकटीकरण का माध्यम बने। मुख्यमंत्री डॉ. यादव द्वारा दिए गए भोज देश-विदेश के उद्योग समूहों को मध्यप्रदेश के करीब लाने और उनमें राज्य के प्रति रुचि विकसित करने तथा परस्पर मेल-जोल बढ़ाने में सफल रहे।
वैश्विक सम्मेलन में जापान से लेकर जर्मनी और अमेरिका, आस्ट्रेलिया, अफ्रीका सहित लगभग सभी महाद्विपों के देशों के प्रतिनिधि उपस्थित थे। इसके साथ ही देश के विभिन्न राज्यों से आए व्यापार-उद्योग जगत के प्रतिनिधि इस समागम को विविधता से परिपूर्ण बना रहे थे। ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के लंच-डिनर सेशन में सबकी रुचि-संस्कृति-क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करता सब के स्वाद और स्वभाव अनुसार भोजन परोसा गया। खान-पान में मध्यप्रदेश और देश के प्रमुख व्यंजनों के साथ-साथ यूरोपियन, थाई, चाइनीस डिशेज शामिल थीं। जैन फूड, वीगन, मिलेट (अन्न) और ग्लूटेन फ्री आहार लेने वालों का विशेष ध्यान रखा गया। भोजन तैयार करने में प्रदेश के प्रमुख शेफ, विशेषज्ञों, कारीगरों और इस क्षेत्र की प्रतिनिधि संस्थाओं की मदद ली गई।
मध्यप्रदेश के व्यंजनों में हाउस ऑफ सैलाना के रॉयल क्यूज़ीन के अंतर्गत मोती के दाने, दाल बाफले, घुइयां की सब्जी, सिंघाड़े की चाट, मुरैना की गजक, झाबुआ का मालपुआ, उज्जैन की कुल्फी, हींग कचौड़ी, रिकमज की सब्जी, इंद्रहर, महुआ का मीठा, टेथरा की रबड़ी और भोपाली गोभी मुसल्लम खास रहे। देश के विभिन्न अंचलों के व्यंजनों में अमृतसरी छोले कुलचे, बिहारी लिट्टी चोखा, दक्षिण का डोसा-उत्तपम, मेरठ की रोटियां और पराठे, बंगाली चौम चौम और केसर अंगूरी रसमलाई परोसे गए।
अन्तर्राष्ट्रीय व्यंजनों में पास्ता, टॉर्ट, रिसोटो, ग्नौची, क्लासिक ओपेरा, बास्किन-रॉबिंस की आइसक्रीम, इंडो चाइनीस वोक, नूडल्स, थाय करी और डिम्सिम अतिथियों के आकर्षण का केंद्र रहे। मिलेट फूड के अंतर्गत कुटकी की खीर, रागी बालूशाही, मिलेट खिचड़ी, बाजरे की टिक्की तो जैन फूड में बिना प्याज, लहसुन के व्यंजन और मिलेट थालीपीठ शामिल थे। अलग-अलग क्षेत्र से आए अतिथि, अपने क्षेत्र के मूल व्यंजनों के साथ-साथ अपनी रुचि और जिज्ञासा के अनुसार अन्य क्षेत्रों के व्यंजनों का आनंद लेते रहे। ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के लंच-डिनर सेशन ने भोजन के सम्मोहन और विविधता से एकाकार होने के अद्भुत दृश्य प्रस्तुत किए।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव के निर्देशन में हुई सत्कार व्यवस्था की देश-विदेश के अतिथियों ने सराहना की। भोजन के विभिन्न सत्रों में नवाचार के साथ परोसी गई मिलेट (श्री अन्न) की डिशेज और मध्यप्रदेश के स्थानीय व्यंजनों की विशेष सराहना हुई। राज्य में पर्यटन गतिविधियों को निरंतर प्रोत्साहित किया जा रहा है, पर्यटन को बढ़ाने में अतिथियों के स्वागत-सत्कार और उनके आवास,भोजन आवागमन आदि की संतोषजनक व्यवस्था का विशेष महत्व है। ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट की व्यवस्थाओं ने इस क्षेत्र में प्रदेश की दक्षता और क्षमता को देश विदेश के अतिथियों के सामने प्रस्तुत किया। देश-विदेश के अतिथियों के मन-मस्तिष्क में बनी प्रदेश की इस छवि से समिट की व्यवस्थाओं और परोसे गए व्यंजनों के स्वाद की गूंज विश्व के कोने कोने में पहुंची है। इससे निश्चित ही और अधिक पर्यटक प्रदेश की ओर अकर्षित होंगे तथा प्रदेश उद्योग-व्यापार सहित पर्यटन के क्षेत्र में नए आयाम स्थापित करेगा।