डिप्टी सीएम शिवकुमार का बीजेपी को चैलेंज, संविधान बदलने वाला बयान करें साबित, ले लूंगा राजनीति से संन्यास

बेंगलुरु । कर्नाटक के डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार ने भारतीय जनता पार्टी के आरोपों को न सिर्फ सिरे से खारिज किया बल्कि उन्होंने बयान साबित करने की चुनौती भी दे दी है। उन्होंने कहा, कि अगर बीजेपी यह साबित कर दे कि मैंने संविधान बदलने की बात कही थी, तो मैं राजनीति से संन्यास ले लूंगा। मैं पागल नहीं हूं, जो ऐसा कहूंगा।
दरअसल भाजपा के नेताओं ने दावा किया है कि 23 मार्च को एक कार्यक्रम में कर्नाटक के डिप्टी सीएम शिवकुमार ने कहा था कि मुस्लिम आरक्षण के लिए संविधान बदल देंगे। दरअसल, कर्नाटक सरकार ने 7 मार्च को विधानसभा में बजट पेश करते हुए मुस्लिम अल्पसंख्यक कॉन्ट्रैक्टर्स को सरकारी टेंडर में 4 फीसदी का आरक्षण देने की घोषणा की थी। इसके लिए कर्नाटक ट्रांसपेरेंसी इन पब्लिक प्रोक्योरमेंट (केटीपीपी) एक्ट में संशोधन का प्रस्ताव भी पारित किया गया था।
भाजपा का दावा झूठा
शिवकुमार ने विपक्षी दलों पर हमला बोलते हुए कहा, कि भाजपा जो भी दावा कर रही है, वह पूरी तरह झूठा है। मैं मीडिया और अपने राजनीतिक साथियों से आग्रह करता हूं कि वे मेरा पूरा बयान देखें। विपक्ष को सच पच नहीं रहा, इसलिए वे इस तरह के दावे कर रहे हैं। अगर मैंने कुछ गलत कहा होता, तो मैं उसे स्वीकार कर लेता।
शिवकुमार ने 24 मार्च को संसद में भी इस मुद्दे को उठाते हुए बीजेपी को घेरा और कहा, कि क्या हमारे नेता मूर्ख हैं? उन्होंने मेरे बयानों की पुष्टि की है। मैंने खुद भी समीक्षा की है और आप भी कर सकते हैं। यह सिर्फ असली मुद्दों से ध्यान भटकाने की साजिश है।
कर्नाटक में अल्पसंख्यकों को सरकारी टेंडर में 4 फीसदी आरक्षण को लेकर सियासी घमासान तेज हो गया है। कांग्रेस सरकार का कहना है कि वह संविधान के दायरे में रहकर फैसले ले रही है, जबकि भाजपा इसे तुष्टीकरण की राजनीति बता रही है।