हर माह 2 करोड 60 लाख रूपये की वसूली
बरेला समूह के ठेकेदार न की सीएम और मंत्री से शिकायत
जबलपुर । जबलपुर के बरेला में सहायक आबकारी आयुक्त संजीव दुबे की गुंडागर्दी का वीडियों सामने आया है। इस बार संजीव दुबे पर अवैध वसूली नहीं देने पर दुकान पर घुसकर कर्मचारियों के साथ मारपीट करने का आरोप लगा है। सहायक आबकारी आयुक्त संजीव दुबे अपनी हर पोस्टिंग में विवादित रहे है। इंदौर में 41 करोड़ के टे्रजरी चालान में घोटाले की इनपर ईडी की जांच चल रही है। जबकि धार जिले में भी ठेकेदार से अवैध वसूली करने का ऑडियों इनका वायरल हुआ था। जिसके चलते इन्हे धार से हटा दिया गया था। अब जबलपुर में एक बार फिर सहायक आबकारी आयुक्त संजीव दुबे विवादों में आ गए है।
शराब ठेकेदार के कर्मियों को दुकान में घुसकर पीटा
जबलपुर में आबकारी विभाग के अधिकारियों पर शराब ठेकेदारों ने मारपीट करने और अवैध वसूली करने का गंभीर आरोप लगाया है। इसके सीसीटीव्ही फुटेज भी उपलब्ध हुए है। जिसमें देखा जा सकता है कि आबकारी विभाग का अमला शराब दुकान में पहुंचकर वहां पर मौजूद कर्मियों के साथ मारपीट कर रहा है। इसकी शिकायत बरेला समूह के लाईसेंसी ठेकेदार अजय सिंह बघेल ने सीएम मोहन यादव सहित आबकारी मंत्री जगदीश देवड़ा और वाणिज्य विभाग प्रमुख सचिव से भी की है। ठेकेदार अजय सिंह बघेल का आरोप है कि उनकी चार शराब दुकानों में घुसकर आबकारी विभाग के अधिकारियों ने कर्मियों के साथ मारपीट की, अवैध वसूली की रकम नहीं देने पर यह पिटाई हुई है। 17 जुलाई को आबकारी अधिकारी संजीव दुबे विभाग के कर्मचारियों के साथ उनकी दुकान पहुंचे थे। जहां पर बरेला दुकान नम्बर 1 पर मौजूद सेल्समैन उपेन्द्र कुमार मिश्रा से आबकारी अमले ने अवैध वसूली मांगी। वसूली नहीं देने पर अमले ने थप्पड़ और लातघूसों से पिटाई की, इसका सीसीटीव्ही फुटेज भी सामने आया है।
दुकान सरेंडर करने की धमकी
जाग्रति इंटरप्राईजेस के लाईसेंसी ठेकेदार अजय सिंह बघेल का कहना है कि आबकारी अधिकारी द्वारा उनकी चार दुकानों में जाकर अवैध वसूली मांगी जा रही थी। वसूली नहीं देने पर दुकान में कर्मियों के साथ पिटाई की गई और दुकान सरेंडर करने की धमकी दी गई है। अधिकारी कह रहे है कि जबलपुर जिले में उनकी कोई दुकान चलने नहीं देंगे, यादि दुकान में कर्मचारी बैठेंगे तो उनपर 34-2 का प्रकरण पंजीबद्ध कर सबको जेल भेजा जाएगा।
लाइसेंस फीस जमा, फिर भी अधिकारी कर रहे दादागिरी
जबलपुर के बरेला समूह के आबकारी अधिकारी और उनके अमले की दादागिरी सुर्खियों में बन गई है। शराब ठेकेदार का कहना है कि उनके द्वारा अभी तक नियमित रूप से दुकान की लाइसेंस फीस जमा की गई है। लेकिन अब आबकारी अधिकारी अवैध वसूली की रकम मांग रहे है। ये रकम नहीं देने पर अधिकारी गुंडागर्दी करते हुए दुकान पर घूसकर कर्मचारियों को मार रहे है। बरेला नंबर 1 की दुकान के अलावा बरेला नंबर 2 और पड़वार दुकान में भी आबकारी टीम ने पहुंचकर शराब ठेकेदार के कर्मचारियों के साथ मारपीट की है। शराब ठेकेदार ने सीएम सहित आबकारी मंत्री से मामले में उचित कार्यवाहीं करने की मांग की है।
इन पर लग रहे आरोप
बताया जाता है कि जबलपुर जिले शराब ठेकेदारों से दो करोड़ 60 लाख रूपए की मासिक वसूली की जाती है जिसमें बरेला समूह के हिस्सा है। ठेकेदार द्वारा इसकी रकम नहीं दिए जाने पर सहायक आबकारी आयुक्त संजीव दुबे और सहायक जिला आबकारी अधिकारी इंद्रेश तिवारी पर शराब ठेकेदार के कर्मियों को दुकान पर घुसकर मारने के आरोप है। इस मारपीट के वीडियो फुटेज में उनका निजी डायवर और आरक्षक भी शामिल बताया जा रहा है।
विवादित है आबकारी अधिकारी संजीव दुबे
जबलपुर के सहायक आबकारी आयुक्त संजीव दुबे की कार्यप्रणाली हमेशा से ही विवादित रहीं है। धार जिले में संजीव दुबे का ऑडियों वायरल होने के बाद उन्हे तत्कालीन कमलनाथ सरकार द्वारा हटा दिया गया था। कथित ऑडियों में संजीव दुबे शराब ठेकेदारों से 15 या 20 लाख रूपए लेनदेन की बात कर रहे थे। इसके पहले भी इंदौर के 41 करोड के टे्रजरी चालान घोटाले में उनका नाम सामने आया था। दरअसल इंदौर जिला आबकारी अधिकारी कार्यालय में संजीव दुबे पर कई अनियमिता के आरोप लगे थे। वर्ष 2015 से 2018 के बीच सरकारी गोदाम से शराब के लिए इस्तेमाल हुए 194 बैंक चालानों में गड़बड़ी सामने आई थी। जिसमें हजारों के बैंक चालानों को लाखों रूपए का बनाकर उतनी शराब गोदामों से उठाकर ठेकेदारों ने अपनी सरकारी शराब दुकानों में बेच दी थी। इस मामले की ईडी में भी जांच चल रही है। पूर्व मुख्यमंत्री और पूर्व सीएस द्वारा भी कथित आचरण के खिलाफ कार्यवाही कर चुके है।