राजस्व अधिकारियों ने 21 तक मांगे पूरी करने हेतु दिया ज्ञापन नहीं तो सिर्फ प्राकृतिक आपदा में ही करेंगे काम

इन्दौर अपनी लंबित मांगों के निराकरण के लिए कलेक्टर के माध्यम से न्याय पालिक अधिकारियों ने मुख्य सचिव तक अपनी बात पहुंचाते कहा है कि यदि 21 जुलाई तक मांगों का निराकरण नहीं हुआ तो केवल प्राकृतिक आपदा के समय ही काम किया जाएगा। मध्य प्रदेश राजस्व अधिकारी (कनिष्ठ प्रशासनिक सेवा) संघ के प्रांत अध्यक्ष धर्मेंद्र सिंह चौहान ने बताया कि भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 की धारा 6 के अंतर्गत कार्यपालिक मजिस्ट्रेट को दंड न्यायालय का एक वर्ग माना गया है। इसे नियुक्त करने की शक्ति राज्य शासन को है। प्रमुख राजस्व आयुक्त के आदेश पर कलेक्टर यह पद स्थापना कर रहे है। इसका उदाहरण जबलपुर और सिवनी कलेक्टर से जारी आदेश है। जिला अध्यक्ष शैवाल सिंह ने कहा कि संघ की स्थिति एक संयुक्त परामर्शदात्री मशीनरी के समान है। प्रशासन के मानदंडों में किसी संवर्ग को व्यापक रूप से प्रभावित करने वाले निर्णय, उसकी समिति से चर्चा करने के बाद ही लागू किए जाते हैं, लेकिन सरकार अब इस पर ध्यान नहीं दे रही है। संघ के बैनर तले जिले में पदस्थ तहसीलदारों और नायब तहसीलदारों ने एकजुट होकर कलेक्टर आशीष सिंह को अपनी बात बताते हुए मांगों का ज्ञापन सौंपा। संघ का कहना है कि यदि उनकी मांगें शीघ्र पूरी नहीं की गई तो 21 जुलाई को अपने सारे कार्यों से मुक्त रहते हुए जिला मुख्यालय पर उपस्थित होकर विरोध प्रदर्शित करेंगे। इस दौरान तहसीलदार केवल प्राकृतिक आपदा में और अति आवश्यक सेवाओं का कार्य करेंगे।