मध्य प्रदेश में टेक्सटाइल क्रांति की दस्तक! मुख्यमंत्री यादव का ग्लोबल कंपनियों को आमंत्रण

:: हरसंभव प्रयास से लाएंगे निवेश, बनेगा नया केंद्र : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव
नई दिल्ली/इंदौर । मध्य प्रदेश अब देश के टेक्सटाइल हब के रूप में उभरने को तैयार है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने घोषणा की है कि उनकी सरकार टेक्सटाइल इंडस्ट्रीज को प्रोत्साहित करने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है और इसी कड़ी में उन्होंने सभी सेक्टरों के उद्योगपतियों को प्रदेश में निवेश के लिए खुला आमंत्रण दिया है। नई दिल्ली में आयोजित बीएसएल ग्लोबल आउटरीच समिट-2025 में देश-दुनिया के कई इंडस्ट्री लीडर्स को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने राज्य की अभूतपूर्व औद्योगिक अनुकूलता और निवेश-मित्र वातावरण पर जोर दिया।
मुख्यमंत्री यादव ने बताया कि मध्य प्रदेश देश में ऑर्गेनिक कॉटन का सबसे बड़ा उत्पादक राज्य है और कपास उत्पादन में भी यह पाँचवें स्थान पर है। डॉ. यादव ने कहा कि सरकार ने कपास से धागा, कपड़ा और रेडीमेड गारमेंट इंडस्ट्री को बढ़ावा देने के लिए अनेक महत्वपूर्ण कार्य किए हैं। उन्होंने बताया कि न केवल देश बल्कि अन्य देशों की टेक्सटाइल इकाइयों से भी अलग-अलग प्लेटफॉर्म पर बायर-सेलर के साथ चर्चा को आगे बढ़ाया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इन प्रयासों से प्रदेश में भारी निवेश आएगा और युवाओं के लिए रोजगार के नए और बेहतर अवसर सृजित होंगे। उन्होंने मध्यप्रदेश को उद्योग प्रोत्साहक राज्य के रूप में स्थापित करने की प्रतिबद्धता भी जताई।
मुख्यमंत्री ने ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के तहत किए गए सुधारों का जिक्र करते हुए बताया कि व्यापार में बाधा बनने वाले 42 कानूनों को खत्म किया गया है। साथ ही, उद्योग शुरू करने के लिए आवश्यक 29 अनुमतियों को घटाकर केवल 10 कर दिया गया है। प्रदेश में उद्योगपतियों को बिजली, पानी और जमीन सस्ती दरों पर उपलब्ध कराई जा रही है और श्रमिकों के वेतन के लिए भी सहायता प्रदान की जा रही है। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश मेक इन इंडिया से प्रेरणा लेकर आगे बढ़ रहा है और पिछले डेढ़ साल के कार्यकाल में औद्योगीकरण का अनुकूल वातावरण तैयार किया है।
:: टेक्सटाइल और गारमेंट सेक्टर में अपार संभावनाएं ::
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने मध्य प्रदेश के टेक्सटाइल और गारमेंट सेक्टर में मौजूद अपार संभावनाओं पर विशेष जोर दिया। उन्होंने राज्य के समृद्ध हैंडीक्राफ्ट्स और हैंडलूम कलाकारों के साथ-साथ चंदेरी और माहेश्वरी जैसी विश्व प्रसिद्ध साड़ियों के क्लस्टर्स का भी उल्लेख किया, जो इस क्षेत्र की अनूठी पहचान हैं। उन्होंने निवेशकों को भरोसा दिलाया कि सरकार वित्तीय और गैर-वित्तीय सभी आवश्यक सुविधाएं प्रदान करेगी। इसमें वित्तीय प्रोत्साहन को सीधे डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (डीबीटी) के माध्यम से निवेशकों के खातों में हस्तांतरित करने की सुविधा भी शामिल है, जिससे प्रक्रिया में पारदर्शिता और गति आएगी।
:: मध्य प्रदेश में उद्योगों के लिए मजबूत बुनियादी ढांचा ::
औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन विभाग के प्रमुख सचिव राघवेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि मध्य प्रदेश में उद्योगों के लिए सभी आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध हैं। प्रदेश में 4 औद्योगिक कॉरिडोर, 5 लाख किलोमीटर से अधिक सड़कें, पर्याप्त पानी, 1 लाख एकड़ से अधिक औद्योगिक जमीन, और 31 GW बिजली की उपलब्धता है। उन्होंने यह भी जानकारी दी कि भारत का सबसे बड़ा पीएम मित्रा टेक्सटाइल पार्क राज्य में 2000 एकड़ से अधिक भूमि पर स्थापित किया जा रहा है, जो टेक्सटाइल उद्योग को बड़ा बढ़ावा देगा। सिंह ने इस बात पर भी जोर दिया कि मध्य प्रदेश ईज ऑफ डूइंग बिजनेस में देश के शीर्ष राज्यों में शामिल है, जो निवेशकों के लिए अनुकूल माहौल को दर्शाता है।
:: मुख्यमंत्री ने सम्मानित किए इंडस्ट्री लीडर्स ::
समिट के दौरान मुख्यमंत्री ने प्रतिष्ठित उद्योगपतियों को सम्मानित किया। उन्होंने वॉलमार्ट सोर्सिंग के वाइस प्रेसिडेंट नितिन प्रसाद को बेस्ट ग्लोबल सोर्सिंग अवॉर्ड और ली एंड फंग ग्रुप की सीईओ दीपिका राणा को क्वीव ऑफ एक्सिलेंस द बीएसएल प्लेटिनम अवॉर्ड प्रदान किया। इसके साथ ही, मुख्यमंत्री ने बीएसएल के दो वर्ष के उल्लेखनीय कार्यों पर आधारित एक पुस्तक का भी विमोचन किया।
:: ग्लोबल कंपनियों से की वन-टू-वन चर्चा ::
कार्यक्रम के बाद, मुख्यमंत्री ने विभिन्न वैश्विक कंपनियों, जैसे – वॉलमार्ट सोर्सिंग, ली एंड फंग, जिवामे, लक्ष्मीपति ग्रुप, वाइल्डक्राफ्ट इंडिया और ईस्टमैन एक्सपोर्ट्स के शीर्ष अधिकारियों के साथ वन-टू-वन चर्चा की। इन मुलाकातों में निवेश और सहयोग के विभिन्न पहलुओं पर विचार-विमर्श हुआ।