इन्दौर शिक्षा में भारतीय भाषाओं के उपयोग को बढ़ावा देने तथा विकसित भारत 2047 की परिकल्पना में उनकी भूमिका पर विचार करने के उद्देश्य से दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी वाणी-2.0 का आयोजन श्री वैष्णव इंस्टिट्यूट आफ मैनेजमेंट एंड साइंस के आइक्यूएसी विभाग और आल इंडिया काउंसिल फार टेक्नीकल एजुकेशन (एआइसीटीई) के सहयोग से किया गया। इसमें देशभर से शिक्षाविदों, शोधकर्ताओं, भाषाविदों और विद्यार्थियों ने हिस्सा लिया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि अतिरिक्त संचालक डा.आरसी दीक्षित ने अपने संबोधन में भारतीय भाषाओं को शिक्षा में स्थान देने की आवश्यकता को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि मातृभाषा में शिक्षा से विद्यार्थियों का समग्र विकास संभव होता है। विशेष अतिथि सुमित सूरी ने कहा कि अपनी भाषा में शिक्षा से विद्यार्थियों की रचनात्मकता और अभिव्यक्ति क्षमता में वृद्धि होती है। संगोष्ठी की अध्यक्षता संस्थान के निदेशक डा. जार्ज थामस ने की।