तलवार-चाकू नहीं, अब तेजाब है हथियार : छांव ने छेड़ी एसिड हमलों के खिलाफ जंग

:: देशभर में एसिड की बिक्री बेरोकटोक ::
इंदौर । घातक हथियारों की बजाय अब अपराधी मासूमों की जिंदगी तबाह करने के लिए तेजाब का इस्तेमाल कर रहे हैं। यह चौंकाने वाला खुलासा एनजीओ छांव के संस्थापक आलोक दीक्षित ने स्टेट प्रेस क्लब, म.प्र. के रूबरू कार्यक्रम में मीडिया से बात करते हुए किया। उन्होंने बताया कि कमजोरों पर हमला करने की क्रूर मानसिकता के कारण ज्यादातर लड़कियां इस जघन्य अपराध का शिकार बनती हैं।
आलोक दीक्षित ने बताया कि उत्तर प्रदेश, बिहार, पंजाब और दिल्ली जैसे राज्यों में एसिड हमलों की घटनाएं सबसे ज्यादा होती हैं। वहीं, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र में इनकी संख्या कम है। एनसीआरबी के आंकड़ों के अनुसार, पिछले छह सालों में अकेले मध्य प्रदेश में 39 एसिड अटैक हुए, जिनमें से 7 इंदौर में दर्ज किए गए।
उन्होंने बताया कि साल 2013 में बने सख्त कानून के बाद एसिड हमलावरों को उम्रकैद और धमकी देने वालों को भी 7 साल की सजा का प्रावधान है। इसके बावजूद, बाजार में तेजाब की खुली बिक्री जारी है, जिसकी रोकथाम में स्थानीय प्रशासन का रवैया निराशाजनक रहा है। छांव ने कई शहरों में एसिड की खरीद-बिक्री के रिकॉर्ड जानने के लिए आरटीआई लगाई, लेकिन संतोषजनक जवाब नहीं मिला।
:: एसिड सर्वाइवर्स के साथ छांव की जागरूकता यात्रा ::
एसिड अटैक के प्रति समाज में जागरूकता लाने के लिए छांव ने 15 अगस्त से 1 सितंबर तक एक अनूठी यात्रा शुरू की है। इस यात्रा में आलोक दीक्षित के साथ सात एसिड अटैक सर्वाइवर्स भी शामिल हैं। यह यात्रा नोएडा, आगरा, इंदौर होते हुए शिरडी, पुणे और मुंबई तक जाएगी, जिसका मकसद लोगों को इस अपराध की भयावहता से रूबरू कराना है।
छांव के सीओओ अजीत कुमार ने बताया कि उनका संगठन शिरोज़ नाम से एसिड अटैक सर्वाइवर्स के लिए आत्मनिर्भरता के रास्ते खोल रहा है। शिरोज़ के तहत कैफे, स्टोर्स और टीवी चैनल चलाए जा रहे हैं। आगरा, लखनऊ और नोएडा में चार शिरोज़ कैफे चल रहे हैं और जल्द ही पुणे व दिल्ली में भी खुलेंगे। इन कैफे के जरिए 150 से ज्यादा सर्वाइवर्स को रोजगार मिला है और 300 से अधिक पीड़ितों को इलाज में मदद दी गई है।
:: बदले की भावना से बाहर निकलकर नया जीवन ::
कार्यक्रम में मौजूद सर्वाइवर्स ने अपने दर्दनाक अनुभव साझा किए :

  • झारखंड की काजल यादव ने बताया कि 16 साल की उम्र में एकतरफा प्यार में मना करने पर उस पर तेजाब फेंका गया। अपराधी को सजा मिलने के बाद भी गांव में लोग आज भी उससे दूरी बनाए रखते हैं।
  • उत्तर प्रदेश की अंशु राजपूत को 15 साल की उम्र में एक 55 वर्षीय व्यक्ति के प्रस्ताव को ठुकराने पर एसिड अटैक का सामना करना पड़ा।
  • अंतिमा शर्मा ने त्वरित न्याय मिलने पर संतोष व्यक्त करते हुए बताया कि उनके हमलावर को चार महीने में ही आजीवन कारावास की सजा हो गई।
  • रूपा, जूली, मौसमी और प्रीति ने बताया कि शिरोज़ कैफे में आने वाले ग्राहक पहले उन्हें देखकर कतराते थे, लेकिन अब उनका नजरिया बदल रहा है। सभी सर्वाइवर्स ने कहा कि जब तक मन में बदले की भावना रहती है, तब तक आगे बढ़ना मुश्किल होता है। वे पुरानी यादों को पीछे छोड़कर अब एक नया जीवन शुरू कर रही हैं।
    कार्यक्रम की शुरुआत में स्टेट प्रेस क्लब, म.प्र. के अध्यक्ष प्रवीण खारीवाल, विजय गुंजाल, सुदेश गुप्ता और सोनाली यादव ने आलोक दीक्षित, अजीत कुमार और सातों एसिड अटैक सर्वाइवर्स का स्वागत किया।
    इस अवसर पर, कार्टूनिस्ट गोविंद लाहोटी कुमार ने आलोक दीक्षित को एक कैरीकेचर भेंट किया, जबकि मीना राणा शाह और ऋतु साहू ने उन्हें स्मृति चिन्ह प्रदान किए। कार्यक्रम का सफल संचालन यशवर्धन सिंह ने किया।