इंदौर । देहदान और अंगदान को प्रोत्साहित करने की दिशा में एक ऐतिहासिक पहल करते हुए, इंदौर में पहली बार एक देहदानी मृतक को गार्ड ऑफ ऑनर के साथ राजकीय सम्मान दिया गया। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की घोषणा के बाद, 82 वर्षीय अशोक वर्मा के निधन पर यह सम्मान प्रदान किया गया, जिन्होंने जीवन भर मानव सेवा का अद्भुत उदाहरण पेश किया।
जवाहर मार्ग निवासी अशोक वर्मा का कल रात निधन हो गया था। उनके संकल्प के अनुसार, परिजनों ने उनकी देह को महर्षि दधीचि देहदान अंगदान समिति के माध्यम से दान कर दिया। आज सुबह उनकी पार्थिव देह को अंतिम यात्रा के बाद अरविंदो मेडिकल कॉलेज को भेंट किया गया। इसी दौरान, प्रशासन ने मुख्यमंत्री के निर्णय का पालन करते हुए, उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया।
वर्मा का जीवन दूसरों को प्रेरित करने में समर्पित था। उन्होंने अपनी दवाई की दुकान पर समिति का एक बड़ा पोस्टर लगा रखा था और कई लोगों को देहदान और अंगदान के लिए संकल्प लेने हेतु प्रेरित किया। उनकी सबसे बड़ी प्रेरणा यह थी कि उन्होंने अपने युवा पुत्र के असामयिक निधन पर भी उनका देहदान किया था, जो उनके महान विचारों का प्रमाण है।
दधीचि ब्राह्मण समाज के संस्थापक और समाजसेवी नंदकिशोर व्यास ने बताया कि अशोक वर्मा मन, कर्म, वचन से सच्चे समाज सेवी थे। उन्होंने कुप्रथाओं और रूढ़िवादी परंपराओं के खिलाफ आजीवन प्रगतिशील विचारधारा को बढ़ावा दिया।
इस ऐतिहासिक निर्णय के लिए परिजनों और समाज ने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के प्रति आभार व्यक्त किया है। यह सम्मान न केवल देहदानियों की महानता को स्वीकार करता है, बल्कि समाज में इस नेक कार्य के प्रति जागरूकता को भी बढ़ाता है।