-47 सालों का रिकॉर्ड टूटा और हजारों लोग हुए प्रभावित
आगरा । उत्तर प्रदेश के आगरा में स्थित ताजमहल की दीवारों से यमुना का जल टकराता हुआ नजर आया है। इसी के साथ यमुना ने 47 साल का रिकॉर्ड तोड़ते हुए खतरे के निशान को पार कर लिया है। रविवार देर रात नदी का जलस्तर खतरे की निशान 499 फीट को पार करते हुए 500.02 फीट तक पहुंच गया। बढ़ते जल स्तर से शहर और ग्रामीण इलाकों में हाहाकार मच गया। कई कॉलोनियां, कस्बे और गांव पूरी तरह जलमग्न हो गए।
यमुना के बढ़ते जलस्तर ने ताजमहल तक को अपनी जद में ले लिया है। यमुना का पानी स्मारक की पिछली दीवार से टकरा रहा है और मेहताब बाग में करीब दो फीट पानी भर चुका है। हालांकि, ताजमहल की सुरक्षा संरचना पर कोई खतरा नहीं बताया जा रहा है, फिर भी विशेषज्ञ और प्रशासन पूरी तरह सतर्क हैं। वहीं दशहरा घाट पूरी तरह डूब चुका है।
गांव और बस्तियां जलमग्न
यमुना के बढ़े जल स्तर के कारण अनेक जगह बाढ़ की स्थिति बन गई। राजश्री कॉलोनी, अमर विहार और कैलाश मंदिर समेत कई क्षेत्रों में 3 से 5 फीट तक पानी भरा हुआ है। कैलाश मंदिर के गर्भगृह तक पानी पहुंच गया है। स्थिति को देखते हुए प्रशासन ने कई जगह बिजली काट दी है और अब तक 20 से अधिक परिवार सुरक्षित स्थानों पर पलायन कर चुके हैं।
ग्रामीण इलाकों में तबाही
सदर, फतेहाबाद और एत्मादपुर तहसीलों के दर्जनों गांव बाढ़ की चपेट में हैं। मेहरा नाहरगंज के 40 लोगों को विस्थापित कर प्राथमिक विद्यालय में ठहराया गया है। बाह तहसील में 30,000 से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं और लगभग 9,500 बीघा फसलें बर्बाद हो गई हैं। खासकर बाजरा और हरी सब्जियों को भारी नुकसान हुआ है।
प्रशासन अलर्ट पर
जिलाधिकारी अरविंद मल्लप्पा बंगारी ने बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों का दौरा कर राहत कार्य तेज करने के निर्देश दिए हैं। प्रशासन द्वारा प्रभावित इलाकों में स्टीमर से राहत सामग्री पहुंचाई जा रही है। शहर में 24 घंटे कंट्रोल रूम सक्रिय है और लोग मोबाइल नंबर 94580-95419 तथा लैंडलाइन 0562-226055 पर मदद ले सकते हैं। वर्तमान में यमुना के खतरनाक सीमा पार करने से न केवल हजारों लोग प्रभावित हुए हैं, बल्कि ऐतिहासिक धरोहरें भी जल संकट के साये में आ गई हैं।