:: ग्लोबल कंपनियों से गांवों तक पहुँच रही तकनीकी क्रांति ::
भोपाल/इंदौर । मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि मध्यप्रदेश तकनीकी उद्यमिता में भविष्य का प्रतिनिधित्व करने के लिए पूरी तरह से तैयार है। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन के अनुरूप, राज्य सरकार की नीतियों और निवेशक-हितैषी माहौल ने प्रदेश को निवेश का एक प्रमुख केंद्र बना दिया है। यही कारण है कि आने वाले दशक को मध्यप्रदेश के लिए ‘एक्ज़ीक्यूशन डिकेड’ के रूप में देखा जा रहा है।
फरवरी 2025 में आयोजित ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट (जीआईएस) के बाद राज्य को 2,500 करोड़ रूपये के निवेश प्रस्ताव मिले हैं, जिनसे 30 हजार से अधिक रोजगार के अवसर पैदा होंगे। राज्य की यह प्रगति यह दर्शाती है कि प्रदेश अब केवल योजनाएँ नहीं बना रहा, बल्कि उन्हें ज़मीन पर उतारकर ठोस परिणाम भी दे रहा है। ड्रोन, सेमीकंडक्टर, आईटी, एवीजीसी-एक्सआर (एनिमेशन, विजुअल इफेक्ट्स, गेमिंग, कॉमिक्स, एक्सटेंडेड रियलिटी) और स्पेस-टेक जैसे क्षेत्रों के लिए विशेष नीतियां बनाई गई हैं।
राज्य सरकार की ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर (जीसीसी) पॉलिसी 2025 ने प्रदेश को वैश्विक कंपनियों का पसंदीदा निवेश स्थल बना दिया है। भोपाल और इंदौर में पाँच प्रमुख कंपनियाँ, जिनमें डिजिटल कंसल्टेंसी और मेडिकल टेक्नोलॉजी से जुड़ी कंपनियाँ शामिल हैं, अपने संचालन केंद्र स्थापित कर रही हैं। इससे शुरुआती चरण में ही 740 से अधिक उच्च-कौशल रोजगार सृजित होंगे।
आईआईएसईआर भोपाल में ड्रोन सेंटर : 85.51 करोड़ रूपये की लागत से आईआईएसईआर भोपाल में ‘एआई-एनेबल्ड ड्रोन सेंटर ऑफ एक्सीलेंस’ विकसित किया जा रहा है। यहाँ 200 से अधिक शोधकर्ता और ड्रोन विशेषज्ञ तैयार होंगे। यह केंद्र उद्योग जगत को सहयोग देने और स्टार्टअप्स को बढ़ावा देने के लिए तैयार किया गया है।
सेमीकंडक्टर सेंटर : ग्वालियर के एबीवी-आईआईआईटीएम में ‘सेमीकंडक्टर साइंस एंड टेक्नोलॉजी सेंटर ऑफ एक्सीलेंस’ की स्थापना की जा रही है। यह केंद्र वीएलएसआई, आईओटी और क्वांटम हार्डवेयर जैसे क्षेत्रों में अनुसंधान करेगा और हर साल 150-200 सेमीकंडक्टर विशेषज्ञ तैयार करेगा।
इनक्यूबेशन सेंटर्स : स्टार्टअप्स को गति देने के लिए इंदौर में डीएवी इनक्यूबेशन सेंटर और आईआईटी इंदौर का दृष्टि सीपीएस फाउंडेशन जैसे नए इनक्यूबेशन सेंटर स्थापित किए जा रहे हैं। ये केंद्र स्टार्टअप्स को फंडिंग, साझा वर्किंग स्पेस और एक्सेलेरेशन योजनाओं के माध्यम से सहायता प्रदान करेंगे।
इसके साथ ही, इंदौर में एक वैश्विक आईटी सेवा कंपनी का बड़ा डिलीवरी हब और भोपाल में एक राष्ट्रीय डेटा सेंटर ऑपरेटर का नया केंद्र स्थापित हो रहा है। ये सभी पहलें मिलकर मध्यप्रदेश को तकनीकी उद्यमिता का एक प्रमुख केंद्र बना रही हैं।