नितिन गडकरी ने ई20 ईंधन पर ‘पेट्रोल लॉबी’ के दुष्प्रचार को बताया निराधार

नई दिल्ली । केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने ई20 ईंधन को लेकर सोशल मीडिया पर चल रहे विवाद को ‘पेट्रोल लॉबी’ द्वारा प्रायोजित दुष्प्रचार करार दिया। ई20 ईंधन में 80 प्रतिशत पेट्रोल और 20 प्रतिशत एथेनॉल होता है। हाल के दिनों में सोशल मीडिया पर यह चिंता जताई गई कि ई20 ईंधन से वाहन की माइलेज और इंजन पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। गडकरी ने फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन (फाडा) के वार्षिक सम्मेलन में कहा कि पेट्रोल लॉबी बहुत मजबूत और अमीर है और वह ईंधन के खिलाफ गलत प्रचार कर रही है। उन्होंने स्पष्ट किया कि यह दुष्प्रचार निराधार है और पेट्रोलियम मंत्रालय भी ईंधन दक्षता में कमी की आशंकाओं को गलत मानता है। मंत्री ने भारतीय वाहन उद्योग में सेमीकंडक्टर चिप और दुर्लभ खनिज मैग्नेट की कमी को भी उजागर किया। ये कमियां भारत की चीन पर निर्भरता के कारण आई थीं। लेकिन उन्होंने बताया कि अब भारत में सेमीकंडक्टर चिप का उत्पादन शुरू हो चुका है। साथ ही, देश की स्टार्टअप कंपनियां नई बैटरी तकनीकों जैसे सोडियम आयन, लीथियम आयन, जिंक आयन और एल्युमीनियम आयन बैटरियों पर काम कर रही हैं। गडकरी ने पुराने वाहनों की स्क्रैपिंग को भी दुर्लभ खनिज प्राप्त करने का स्रोत बताया और सरकार की प्रोत्साहन नीतियों का जिक्र किया। गडकरी ने कहा कि वैकल्पिक ईंधन और इलेक्ट्रिक मोबिलिटी को बढ़ावा देने के बावजूद पेट्रोल और डीजल वाहनों की मांग बढ़ती रहेगी। वाहन विनिर्माण में 15-20 प्रतिशत की वृद्धि जारी है। उन्होंने भारतीय वाहन उद्योग के विकास का जिक्र करते हुए बताया कि जब वे मंत्री बने थे, तब इसका आकार 14 लाख करोड़ रुपये था और अब भारत विश्व में तीसरे स्थान पर है।
ई20 पेट्रोल 80 प्रतिशत पेट्रोल और 20 प्रतिशत एथनॉल का मिश्रण
बता दें कि ई20 पेट्रोल 80 प्रतिशत पेट्रोल और 20 प्रतिशत एथनॉल के मिश्रण को कहते हैं। हालाँकि सरकार इस बात पर ज़ोर देती है कि ई20 मिश्रण कार्बन उत्सर्जन और जीवाश्म ईंधन के आयात को कम करने में एक क्रांतिकारी बदलाव है, लेकिन वाहन मालिकों का दावा है कि इससे ईंधन दक्षता कम हुई है और टूट-फूट बढ़ी है, जिससे वाहनों की उम्र कम हो रही है।