ग्वालियर, जबलपुर, देवास व रतलाम शहर का चयन
भोपाल (ईएमएस)। प्रदेश के चार शहरों में पासपोर्ट सेवा केंद्र को खोलने की विदेश मंत्रालय ने तैयारी पूरी कर ली है। पासपोर्ट केन्द्र खोलने के लिए प्रदेश के ग्वालियर, जबलपुर, देवास व रतलाम शहर का चयन किया गया है। पासपोर्ट निर्माण की रफ्तार तेज करने के लिए यह पहल की जा रही है। नई सुविधा शुरू होने पर पासपोर्ट का आवेदन तुरंत भोपाल में ऑनलाइन दिखने लगेगा। इससे 10-12 दिन पहले पासपोर्ट बन जाएगा। मंत्रालय ने हाल ही में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के संसदीय क्षेत्र विदिशा स्थित पोस्ट ऑफिस पासपोर्ट सेवा केंद्र (पीओपीएसके) को पीएसके में अपग्रेड किया है। भोपाल और इंदौर में यह सुविधा पहले से है, मंत्रालय ने चार नए शहरों में यह सुविधा शुरू करने की सैद्धांतिक सहमति दी है। पीएसके खुलने के बाद संबंधित केंद्र से पासपोर्ट के आवेदन तुरंत ही ऑनलाइन भोपाल पहुंच जाएंगे और उनके सत्यापन की प्रक्रिया आगे बढ़ जाएगी।
अभी इन शहरों से आवेदनों की फाइल हार्ड कापी में भोपाल भेजी जाती है, जिसके सत्यापन में करीब 10-12 दिन का समय लग जाता है। इसके बाद पुलिस वेरिफिकेशन रिपोर्ट (पीवीआर) के लिए मामला भेजते हैं, रिपोर्ट मिलने के बाद ही पासपोर्ट तैयार होता है। पूरी प्रक्रिया में तीन से चार सप्ताह लग जाते हैं, लेकिन चारों शहरों में पीएसके शुरू होने से पासपोर्ट जल्दी बनने लगेंगे। जिन शहरों के पोस्ट ऑफिस में आवेदन जमा करने की सुविधा है, वहां पहले सत्यापन होता है फिर फिर आवेदन की हार्डकापी भोपाल भेजते हैं। इसमें काफी समय लगता है, पीएसके शुरू होते ही यह आवेदन सीधे ‘ग्रांटिंग मोड” पर आ जाएगा। तुरंत ही पुलिस वेरिफिकेशन की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। विभागीय सूत्रों का दावा है कि इस तरह पासपोर्ट बनने का समय सिमटकर 8-10 दिन ही रह जाएगा अभी इसमें तीन-चार सप्ताह लग जाते हैं। इस बारे में मप्र के क्षेत्रीय पासपोर्ट अधिकारी मप्र रश्मि बघेल का कहना है कि पासपोर्ट निर्माण की प्रक्रिया तेज करने के लिए ग्वालियर, जबलपुर, देवास और रतलाम में पीएसके खोलने की सैद्धांतिक सहमति हो गई है। विदेश मंत्रालय जल्दी ही इन शहरों में यह सुविधा शुरू कर देगा।