प्रयागराज/इलाहाबाद (ईएमएस)। प्रयागराज/इलाहाबाद शहर में अगले साल लगने जा रहे अर्ध कुम्भ मेला २०१९ में मेला प्रशासन ने देश विदेश से लगभग १२-१३ करोड़ साधू सन्यासी और श्रधालू ओें के प्रयागराज में आने की संभावना बतायी जा रही है।भारी संख्या में साधू सन्यासी और श्रधालू ओें तथा पर्यटकों के आगमन तथा उनके स्नान के दिनो में रुकने की व्यवस्था को लेकर शहर के कुम्भ मेला प्रशासन ने कई कदम उठाये हैं। अर्ध कुम्भ मेला २०१९ मेंप्रशासनिक व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए जिला प्रशासन ने सामुदायिक स्थलों के संचालकों को सुझाव दिये हैं।
सामाजिक कार्यक्रमों को कुम्भ के दौरान विशेष स्नान तिथियों के दृष्टिगत रखते हुए सामाजिक कार्यक्रम निर्धारित करें। , जिससे उनके आयोजकों को भी भीड़ के कारण असुविधाओं का सामना न करना पड़े। इस हेतु प्रशासन ने एक एडवाइजरी जारी करते हुये प्रशासनिक व्यवस्था बनाये रखने के लिये जनता से सहयोग मांगा है। गौरतलब है कि कुम्भ अवधि के स्नान दिवसों में सामुदायिक स्थलों का अधिकाधिक प्रयोग प्रयागराज में आने वाली भीड़ को संभालने के लिये किया जाना प्रशासनिक व्यवस्था की अनिवार्य आवश्यकता से जुड़ा है।
इसलिये प्रशासन ने सामुदायिक स्थलों के संचालकों को एक एडवाइजरी भेजकर इस व्यवस्था में सहयोग मांगते हुये सलाह दी है कि भीड़ नियन्त्रण के लिये सामुदायिक स्थलों को विशेषकर स्नान दिवसों में यथासंभव खाली रखा जाये। जिससे आने वाले करोड़ों श्रद्धालुओं के लिये ठहरने का स्थान नगर के सामुदायिक स्थलों में निर्धारित किया जा सके। नगर के बड़े मैदानों को होल्डिंग एरिया तथा पार्किंग स्थलों के रूप में मूलभूत सुविधाओं से लैस करके तैयार किया जा रहा है, जिससे स्नान दिवसों में आने वाली भीड़ को रुकने और पार्किग में असुविधा न हो। नगरवासियों से इस आयोजन में सहयोग करने तथा आंगतुकों का स्वागत करने के लिये तैयार रहने का अनुरोध प्रशासन करता रहा है। शहर के मण्डलायुक्त डाक्टर आषीश गोयल और जिला प्रशासन के अनुरोध पर उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद बोर्ड उत्तर प्रदेश ने भी अपने परीक्षा कार्यक्रमों को कुम्भ की अवधि में न रखने की तैयारी कर ली है।
कुम्भ आयोजन के प्रथम चरण से एक वर्ष पूर्व यह व्यवस्था निर्धारित की गयी थी कि इस बार कुम्भ में आने वाले यात्रियों की सुविधा का विशेष ध्यान सर्वोच्च प्राथमिकता पर रखा जायेगा। इसके लिये उनके रूकने के इंतजाम नगर में भी व्यापक रूप से किये जा रहे हैं तथा ठहरने के स्थलों एवं पार्किंग स्थलों से शटल बसें चलाकर श्रद्धालुओं को मेला तक ले जाने की व्यवस्था भी की गयी है, जिससे उन्हें कम से कम पैदल चलना पड़े एवं प्रयागराज से वे एक सुखद अनुभव लेकर जा सकें।