नई दिल्ली (ईएमएस)। एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया (ईजीआई) ने गुरुवार को पत्रकार से राजनेता बने एमजे अकबर और तहलका के पूर्व संपादक तरुण तेजपाल पर यौन शोषण के आरोप लगने की वजह से उनकी सदस्यता को रद्द कर दिया है। तेजपाल पर बलात्कार का मामला चल रहा है। ईजीआई का कहना है कि गिल्ड के पदाधिकारियों ने ईसी की टिप्पणियों पर चर्चा की और इस मामले पर फैसला लिया गया है। बहुमत ने फैसला लिया कि अकबर को गिल्ड से तब तक के लिए बर्खास्त कर देना चाहिए जब तक कि उनके खिलाफ चल मामले पर फैसला न आ जाए। गिल्ड ने इससे पहले पहले अकबर को आपराधिक मानहानि का केस वापस लेने के लिए कहा था जो उन्होंने पत्रकार प्रिया रमानी के खिलाफ दायर किया था। संपादकों का समूह उन महिला पत्रकारों के समर्थन में आ गया था जिन्होंने मी टू अभियान के अंतर्गत पूर्व केंद्रीय मंत्री पर यौन शोषण के आरोप लगाए थे। रमानी पहली महिला थी जिन्होंने 8 अक्तूबर को अकबर पर शोषण का आरोप लगाया था। उन्होंने अपने उस लेख के बारे में खुलासा किया जो उन्होंने पिछले साल लिखा था। उन्होंने इस लेख में बताया था कि एक संपादक ने उन्हें उनके होटल रूम में नौकरी के इंटरव्यू के लिए बुलाया और उसे बेड में अपने साथ बैठने के लिए कहा। उस संपादक का नाम अकबर था। इसके बाद पूर्व संपादक के खिलाफ बहुत सी महिला पत्रकारों ने आरोप लगाए थे। 17 अक्तूबर को अकबर ने विदेश राज्यमंत्री के पद से इस्तीफा दिया था। उनके खिलाफ 15 महिला पत्रकारों ने एशियन एज के संपादक रहने के दौरान उनका शोषण करने का आरोप लगाया गया है। इसके बाद एक बयान जारी करते हुए ईजीआई ने कहा था कि वह उन महिला पत्रकारों के साहस को सलाम करता है जिन्होंने इस बात का खुलासा किया था कि उनका किस तरह से शोषण किया था। एम.जे.अकबर ने इन्हीं आरोपों के बाद अपने पद से इस्तीफा दे दिया था।
संदीप/देवेन्द्र/ईएमएम/13/दिसम्बर/2018/