नई दिल्ली (ईएमएस)। देश ही नहीं, दुनिया के सर्वश्रेष्ठ चिकित्सा संस्थानों में शुमार अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) अब से अपनी आमदनी को मरीजों के कल्याण पर खर्च कर सकेंगे। स्वास्थ्य मंत्री जे.पी. नड्डा की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय शासी निकाय में दिल्ली एम्स समेत सभी एम्स को इसकी अनुमति दे दी गई है। अभी एम्स की सारी आमदनी सीधे भारत सरकार के पास चली जाती है। शासी निकाय द्वारा स्वीकृत प्रस्ताव के मुताबिक, सभी एम्स में रोगी कल्याण समिति की तर्ज पर एक सोसायटी का गठन किया जाएगा। इस सोसायटी में एम्स के डॉक्टर एवं प्रशासनिक अधिकारियों के अलावा शहर के प्रतिष्ठित समाजसेवी भी रहेंगे। एम्स को विभिन्न मदों से होने वाली आय इस सोसायटी को सौंप दी जाएगी। यह सोसायटी इस कोष का इस्तेमाल गरीबी रेखा से नीचे और निम्न आयवर्ग के लोगों को एम्स में इलाज कराने में मदद करने में करेगी। इसके तहत सिर्फ इलाज एवं दवा ही नहीं, मरीजों एवं उनके परिजनों को दिल्ली में रहने की सुविधा से लेकर खाना तक मुहैया कराया जाएगा। सोसायटी यह भी सुनिश्चित करेगी कि कोई भी मरीज सिर्फ पैसों की कमी के कारण इलाज से वंचित न रह जाए। सोसायटी को कंपनियों से सीएसआर के जरिये दान लेने का अधिकार भी दिया गया है।
संदीप/देवन्द्र/ईएमएस/17/दिसंबर/२०१८