श्रीनगर 19 दिसंबर (वार्ता) ग्यारहवीं सदी के संत और गौर-उल-आजम, दस्तगीर साहब के नाम से लोकप्रिय हजरत शेख अब्दुल कादिर गिलानी का सताना उर्स बुधवार को कश्मीर घाटी में धार्मिक उत्साह और उल्लास के साथ मनायी गयी।
हाड़ कंपा देने वाली ठंड के बावजूद महिलाओं और बच्चों समेत बड़ी संख्या में लोग रात भर दस्तगीर साहब की मजार पर विशेष इबादत की। शहर-ए-खास में स्थित खानयार और यहां से निकट सराई-बाला में मुख्य सामारोहों का आयोजन किया गया था।
कश्मीर घाटी और बाहर के विभिन्न हिस्सों से आये लोगों ने खानयार में इबादत में भाग लिया जहां मजार प्रबंधन के अलावा अधिकारियों ने भी भक्तों के लिए सभी प्रकार की व्यवस्था की थी। निजी ट्रांसपोर्टरों ने भी घाटी के विभिन्न हिस्सों से लोगों को मजार तक लाने के लिए व्यवस्था की है। लोगों ने संत के मजार पर राज्य में शांति और समृद्धि के लिए प्रार्थना की।
मजार स्थल के आस-पास काफी चहल-पहल देखी जा गयी। सैकड़ों विक्रेताओं ने मजार के पास खासतौर पर खाद्यान्न बेचने वाले स्टालों को लगा रखा था। कई स्थानीय संगठन भी इस अवसर पर लोगों को चाय और भोजन नि:शुल्क वितरित करते देखे गए।
संजय आशा
वार्ता