राजस्थान का दौसा जिला कानून व्यवस्था की दृष्टि से काफी संवेदनशील माना जाता है, लेकिन इस अति संवेदनशील जिले की आबोहवा अब कुछ बदलने लगी है। जहां हर साल अपराधों में कुछ बढ़ोतरी होना स्वाभाविक माना जाता है, वहीं दौसा में पिछले कुछ वर्षों से अपराधों की संख्या में लगातार कमी आ रही है। 2018 में भी अपराधों में कमी देखी गई है ऐसे में दौसा की जनता को आशा है कि अब आने वाले 2019 के नए वर्ष में भी अपराधों में इसी तरह कमी आएगी। एक दौर था जब दौसा जिला अपराधों की श्रेणी वाले जिलों में उच्च स्थान पर रहता था। यहां पर कानून व्यवस्था बनाए रखना एक चुनौतीपूर्ण काम माना जाता था। लेकिन पुलिस, जनता और जनप्रतिनिधियों के प्रयासों से दौसा में अपराधों में कमी आने लगी है। दौसा जिले में वर्ष 2016 में 4,032 मुकदमे दर्ज हुए थे, वही 2017 में 3,753 और इस साल 2018 में 3,314 मुकदमे दर्ज हुए हैं। इस साल चोरी, नकबजनी लूट व बलवा की घटनाओं में कमी आई है लेकिन हत्या, हत्या के प्रयास, अपहरण, बलात्कार जैसी घटनाओं में बढ़ोतरी भी हुई है। ऐसे में पुलिस को अभी भी अपराधों में कमी लाने के लिए प्रयास करने होंगे।