-महान गणितज्ञ ‘शकुंतला देवी’ की बायॉपिक में करेंगी काम
मुंबई (। बॉलिवुड अभिनेत्री विद्या बालन के महान गणितज्ञ शकुंतला देवी की भूमिका में नजर आने की खबर थी। अब जाकर खुद विद्या बालन ने अपने सोशल मीडिया हैंडल ट्विटर पर यह खबर शेयर की। साथ ही लिखा है, ‘मैथ जीनियस, शकुंतलादेवी की भूमिका निभाने के लिए उत्साहित हूं ‘मानव कंप्यूटर’ की सच्ची कहानी को जीवंत करने के लिए बहुत ज्यादा रोमांचित हूं। एक छोटे शहर की भारतीय लड़की, जिसने दुनिया को तूफान से उड़ा दिया।’ विद्या ने फिल्म से जुड़ी इस जानकारी में फिल्म की रिलीज़ मंथ की घोषणा भी की है और बताया है कि अगले साल यही 2020 की गर्मियों में यह फिल्म रिलीज़ होगी। फिल्म का टाइटल ‘शकुंतला देवी’ है। इस फिल्म को ‘लंदन पेरिस न्यू यॉर्क’ और ‘वेटिंग’ जैसी फिल्म से चर्चा में आईं अनु मेनन निर्देशित करेंगी। फिल्म को विक्रम मल्होत्रा प्रड्यूज करेंगे। गणितीय जादूगर के नाम से फेमस शकुंतला देवी को उनकी अविश्वसनीय रूप से तेज गणना करने की क्षमता के कारण ‘मानव कंप्यूटर’ का नाम भी दिया गया था। शकुंतला देवी ने कभी कोई औपचारिक शिक्षा नहीं ग्रहण की थी, लेकिन उनकी प्रतिभा ने उन्हें 1982 के ‘द गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स’ के संस्करण में भी जगह दिलाई।’शकुंतला देवी’ की कहानी को अनु मेनन और नैनिका महतानी ने मिलकर लिखा है और फिल्म के संवाद इशिता मोइत्रा ने लिखे हैं। फिल्म के फ्लोर पर जाने का समय इसी साल के अंत में तय किया गया है और फिल्म को 2020 की गर्मियों में रिलीज़ किया जाएगा। अत्यंत रोमांचित विद्या बालन कहती हैं, ‘मैं बड़े पर्दे पर मानव कंप्यूटर, शकुंतला देवी का किरदार निभाने को लेकर बेहद उत्साहित हूं। वह वास्तव में एक ऐसी इंसान थीं, जिन्होंने अपने व्यक्तित्व को स्वीकार कर उसे उभारा, वह एक मजबूत नारी की आवाज थीं और सफलता के शिखर तक पहुंचने के लिए उन्होंने साहस के साथ आलोचनाओं का मुकाबला किया। मैं रोमांचित हूं कि विक्रम मल्होत्रा, जिनके साथ मैंने फिल्म कहानी में भी काम किया था, उनकी टीम यह फिल्म बना रही है। विक्रम, अनु और मैं हमारे देश की इतनी प्रेरणादायक महिला की कहानी को जीवंत करते हुए गर्व महसूस कर रहे हैं।’ विद्या बालन आखिरी बार हिंदी फिल्म ‘तुम्हारी सुलु’ और साउथ की फिल्म ‘जूनियर एनटीआर’ की बायॉपिक में नजर आई थीं। यहां बता दे कि ‘शकुंतला देवी’ का जन्म 4 नवंबर 1929 को हुआ था। उनके परिवार भारत के बैंगलौर में एक रुढ़िवादी कन्नड़ ब्राह्मण था। उनके 84वें जन्मदिन पर गूगल ने उनका सम्मान करते हुए उनका नाम गूगल डूडल से समर्पित किया था।
सुदामा 12 मई 2019