ट्रासंपोर्ट कंपनी पर ठोका 40 हजार जुर्माना

उपभोक्ता के सामान की हुई थी तोडफोड
भोपाल । जिला उपभोक्ता फोरम ने एक ट्रांसपोर्ट कंपनी पर 40,508 रुपए का जुर्माना लगाया है। यह जुर्माना ट्रांसपोर्ट कंपनी को उपभोक्ता के सामान में तोड़-फोड़ कर पहुंचाने का लगाया गया है। दरअसल, अरेरा कॉलोनी स्थित योगेंद्र सिंह ने ने फोरम ने परिवाद दायर किया था। जिसमें बताया था कि रायपुर से भोपाल पदस्थापना होने पर उसने अपना घरेलू सामान अग्रवाल पैकर्स एंड मूवर्स से घरेलू सामान और कार भेजने के लिए 30 हजार रुपए में बुकिंग की। इस दौरान सामान का बीमा करने के लिए 5 हजार रुपए की राशि अधिक दी गई थी। 30 मार्च 2014 को कंपनी की ओर से सुबह 8 बजे आने के लिए बोला गया, लेकिन अनावेदक के कर्मचारियों द्वारा दोपहर 1 बजे सामान की पैकिंग चालू की गई, जबकि उपभोक्ता की ट्रेन उसी दिन शाम 4 बजे थी। सामान की पैकिंग हड़बड़ी में की गई और सही से नहीं हुई। जब उपभोक्ता को भोपाल में सामान मिला तो 60 कार्टून में से दो कम थे। इसमें एलईडी डैमेज हो गया था, स्टडी टेबल टूट गया था। साथ ही 25 फ्लॉवर पॉट नहीं मिले। ट्रासंपोर्ट कंपनी ने न तो उपभोक्ता के सामान को सुधरवाया और न ही राशि दी।
जिला उपभोक्ता फोरम ने टिप्पणी की है कि ट्रासंपोर्ट कंपनी ने उपभोक्ता के सामान को टूटी-फूटी अवस्था में डिलीवर किया है और उक्त सामान की क्षतिपूर्ति न देकर सेवा में कमी की गई है। जिला उपभोक्ता फोरम ने आदेश दिया कि उपभोक्ता के क्षतिग्रस्त एवं गुम हुए सामान एलईडी टीवी रिपेयर 18,308 रुपए, स्टडी टेबल के लिए 2200 रुपए एवं फ्लॉवर पॉट के लिए 7 हजार रुपए, मानसिक क्षतिपूर्ति के लिए 10 हजार रुपए और वाद व्यय राशि 3 हजार रुपए देना होगा। अगर दो माह के अंदर कंपनी ने राशि नहीं लौटाई तो 9 प्रतिशत ब्याज के साथ राशि लौटानी होगी। उपभोक्ता ने बताया कि घरेलू सामान रायपुर से भोपाल डायरेक्ट आना था, लेकिन ट्रांसपोर्ट कंपनी ने सामान को बिलासपुर से दिल्ली जाने वाले ट्रक में लोड किया, जबकि कंपनी ने उपभोक्ता से व्यक्तिगत सामान की बुकिंग के लिए 30 हजार रुपए फुल ट्रक लोडिंग के लिए लिया था। लेकिन सामान को डायरेक्ट रायपुर से भोपाल ट्रक से न भेजकर दिल्ली जाने वाले ट्रक के माध्यम से भेजा। दिल्ली से भोपाल छोटी गाड़ी में उपभोक्ता के सामान को पहुंचाया गया, जिससे आवेदक के सामान को नुकसान हुआ। गाड़ी बदलने से नाजुक सामान टूट गए और कुछ सामान मिले ही नहीं। इस मामले में फैसला सुनाते हुए फोरम ने ट्रांसपोर्ट कंपनी पर 40,508 रुपए का जुर्माना लगाया है।
सुदामा नर-वरे/12मई2019