मुंबई । बैंकिंग नियामक रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) ने अगले तीन साल के लिए 12 लक्ष्यों की सूची तैयार की है, जिसमें डिजिटल पेमेंट को चार गुना बढ़ाना, पेपर बेस्ड ट्रांजैक्शन में कमी लाना, पेमेंट प्राइसिंग को बेहतर बनाना, ग्राहकों की शिकायतों के निपटारे के लिए बेहतर व्यवस्था करना और नए पेमेंट सिस्टम ऑपरेटर्स की सर्विस शुरू कराना शामिल है। आरबीआई ने मौजूदा पेमेंट सिस्टम में सुधार लाने के लिए प्रतिस्पर्धा, लागत, सहूलियत और विश्वास सहित ऐसे चार क्षेत्रों का चुनाव किया है जहां उसकी तरफ से नीतिगत दखल दिया जा सकता है। उसने यह भी तय किया है कि कार्ड के जरिए होने वाले लेनदेन में अगले तीन साल में छह गुना की बढ़ोतरी हो सकती है और इससे भारत ‘कैश लाइट’ देशों की गिनती में शामिल हो जाएगा। रिजर्व बैंक ने एनएफईटी और आरटीजीएस की लेनदेन की सीमा और ड्यूरेशन विंडो बढ़ाने पर भी विचार किया है और आने वाले समय में ग्राहकों को बिना इंटरनेट और स्मार्टफोन वाला यूनिवर्सल पेमेंट सॉल्यूशन मुहैया कराने पर भी विचार करेगा। रिजर्व बैंक ने कहा कि मोबाइल इंटरनेट स्पीड बढ़ी है, लेकिन बड़े क्षेत्र में कनेक्टिविटी का इश्यू बना हुआ है। इसलिए विजन पीरियड के दौरान डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देने के लिए मोबाइल डिवाइसेज के जरिए ऑफलाइन पेमेंट मुहैया कराने का विकल्प अपनाने पर खास ध्यान दिया जा सकता है।
सतीश मोरे/17मई