ड्रोन तस्करी का पर्दाफाश, अहमदाबाद का एक युवक गिरफ्तार

अहमदाबाद| डिरेक्टोरेट ऑफ रेवन्यु इन्टेलिजन्स (डीआरआई) ड्रोन तस्करी करनेवाले अंतर्राष्ट्रीय गिरोह का पर्दाफाश करते हुए अहमदाबाद के एक स्टूडियो मालिक को गिरफ्तार कर लिया| इस गिरोह में पाकिस्तान, चीन, म्यामांर और भारत के तस्कर शामिल थे|
गैरकानूनी तौर पर आयात किए गए ड्रोन राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा बन सकते हैं| ड्रोन के आयात के लिए टेलिकम्युनिकेशन डिपार्टमेंट के वायरलेस प्लानिंग एन्ड कोओर्डिनेशन विभाग से मंजूरी लेनी पड़ती है| साथ ही डिरेक्टोरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन की पूर्व मंजूरी अनिवार्य है| इतना ही नहीं डीजीएफटी से आयात का लाइसंस लेना भी अनिवार्य है| इन सभी नियमों का उल्लंघन करते हुए 2017 से चिन्मय आनंद गैरकानूनी तौर पर ड्रोन आयात कर रहा था| चिन्मय ने रु. 10 करोड मूल्य के 85 ड्रोन की आयात कर रु. 3 करोड़ के आयात ड्यूटी की चोरी की है| तस्करों द्वरा डीजेआई मेविक, डीजेआई फेन्टम और एमआई ब्रांड के ड्रोन की तस्करी की जाती थी| इसके अलावा 27 डीजेआई मेविक एयर फ्लाइ मोर किट और डीएसएलआर कैमरा तथा मिरर लेस कैमरे के लिए 34 डीजेआई रोनिन एस हेन्ड हेल्ड गिम्बल स्टेबेलाइजर की भी तस्करी की जाती होने का खुलासा हुआ है| अहमदाबाद हवाई अड्डे से 10 मार्च को यह सामान पालडी स्थित दुकान में पहुंचाया गया था| पाकिस्तान की कंपनी ने चीन की कंपनी में ड्रोन सप्लाई का ऑर्डर दिया था| चीन की कंपनी ने देहोन्ग-युन्नान स्थित उसके गोदाम से ड्रोन सप्लाई किए थे| दक्षिण चीन में यह गोदाम है जो म्यामांर सीमा के करीब है| चीन से ड्रोन म्यामांर की अंतर्राष्ट्रीय सीमा से म्यामांर भेजा जाता है| म्यामांर से इसे तामु नामक क्षेत्र में पहुंचाया जाता है| तामु से ड्रोन को मोरेह के निकट अंतर्राष्ट्रीय सीमा से भारत में भेजा जाता है| मोरेह से ड्रोन का मिसडिक्लेरेशन कर कैमरे के स्टैन्ड बताकर विमान के जरिए अहमदाबाद लाया जाता है| ड्रोन की सप्लाई की रकम अहमदाबाद स्थित तस्कर चीन की कंपनी को हवाला चैनल के जरिए भेजता है और यह चैनल मुंबई से ऑपरेट होती है|
सतीश/17 मई