सीयू में बीमा कम्पनियों की सेवा पर रिसर्च

बिलासपुर। गुरु घासीदास विश्वविद्यालय की प्रबंध एवं वाणिज्य अध्ययनशाला के अंतर्गत प्रबंध अध्ययन विभाग में छत्तीसगढ़ में बीमा कम्पनियों द्वारा प्रदान की जाने वाली सेवा की गुणवत्ता तथा उसका ग्राहकों की संतुष्टि पर होने वाले प्रभाव का अध्ययन किया जा रहा है। शोध छात्र यशवंत कुमार यादव इस विषय पर शोध कर रहे है। उनके शोध निर्देशक प्रो. एल.पी. पटेरिया, प्राध्यापक प्रबंध अध्ययन विभाग हैं। भारत में सेवा क्षेत्र, आर्थिक दृष्टि से अग्रणी भूमिका अदा करता है। यह क्षेत्र न केवल भारत के सकल घरेलू उत्पाद में प्रमुख योगदान देता है, अपितु विदेशी निवेश को आकर्षित करते में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। भारत में सेवा क्षेत्र में विभिन्न किस्म के क्रियाकलापों जैसे व्यापार, होटल, रेस्तरां, यातायात, सामाजिक तथा व्यक्तिगत सेवाएं आती है। बीमा क्षेत्र, भारत की अर्थव्यवस्था का एक बढ़ता उद्योग है। यह उद्योग १५ से २० प्रतिशत वार्षिक दर से बढ़ रहा है। विभिन्न राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय प्रतिस्पर्धा के साथ बीमा एक समृद्वशाली उद्योग बन गया है। उक्त शोध कार्य का मुख्य उद्देश्य जीवन बीमा निगम कम्पनियों द्वारा प्रदान की जाने वाली सेवाओं की गुणवत्ता के विभिन्न पहलुओं तथा उनका ग्राहकों की संतुष्टि पर होने वाले प्रभाव तथा उनके मध्य संबंधों का मूल्यांकन तथा अध्ययन करना है। इन शोध में भारतीय जीवन बीमा निमग (एलआईसी), बिरला सनलाइट लाइफ इंश्योरेंस, एचडीएफसी लाइफ इंश्यारेंस, आईपीआईपीआई प्रुडेंशियल लाइफ इंश्योरेंस, एसबीआई लाइफ इंश्योरेंस का अध्ययन किया गया। इस शोध में पांच जीवन बीमा निगम कम्पनियों के चयन के लिए व्यापार के फैलाव, बाजार में हिस्सेदारी, दावा निपटान अनुपात तथा चयनित भौगोलिक क्षेत्र में प्रवेश के समय को मानदण्ड रखा गया है। साथ ही यह अध्ययन प्राथमिक तथा द्वितीयक दोनों ही प्रकार के तथ्यों पर आधारित है। द्वितीयक तथ्यों को एकत्र करने के लिए विभिन्न शोध पत्रों, पुस्तकों, प्रकाशित पत्रिकाओं, आईआर डीएके वार्षिक विवरण, जीवन बीमा कम्पनियों के वार्षिक विवरण तथा वेबसाइटों का इस्तेमाल किया गया है। शोध अध्ययन से प्राप्त निष्कर्ष के अनुसार पिछले कुछ दशकों के दौरान हुए सुधारों ने जीवन बीमा उद्योग मे व्यापक परिवर्तन हुआ है। इसके बावजूद ग्राहकों में काफी असंतुष्टि है। अध्ययन में सेवा की गुणवत्ता गिरने के कारणों की पहचान कर इसे दूर करने के उपायों का पता लगाया गया। बाजार में बढ़ती प्रतिस्पर्धा तथा ग्राहकों के मध्य बढती मांग ने सेवा प्रदाताओं के समक्ष एक नई चुनौती प्रस्तुत की है। इस शोध से प्राप्त सुझाव जीवन बीमा कम्पनियों की रणनीति के सूत्रीकरण के लिए सहायक सिद्व होंगे।