जीवन के हर पल की साथी
अर्धांगिनी ही तो हमेशा होती है
जीवनसाथी जिससे जुड़े एक रिश्ता
खून से भी गहरा हो जाता है
सुख दुख में हरदम ही साथ खड़ी
यमराज से भी लड़ अपने पति को लाए
जीवन की बगिया वही तो महकाती है
चाहे कोई कितना भी मजाक बनाए
जीवनसाथी बिन जीवन अधूरा होता है
पति-पत्नी का रिश्ता अनोखा होता है
दोनों मिल जीवन डोर को जब खींचें
गाड़ी तभी सरलता से चलती है
हर निराशा को आशा में बदलती है
अर्धांगिनी शक्ति का स्वरूप है
जिसने भी इस बात को समझा
उसी को शक्ति भरपूर मिले है
जैसे शिव की शक्ति शिवा
उनको महादेव बनाती हैं
वैसे ही पत्नी पति की शक्ति होती है
उसके प्रगति में सहायक होती है
कद्र जो करें शिव की भांति पत्नि की
अर्धांगिनी बनी पत्नी का साथ मिल जाता है
जीवन का हर पल सुख में ही बीते है
अनुराधा प्रियदर्शिनी
प्रयागराज उत्तर प्रदेश