हमने एक
डिपार्टमेंटल स्टोर खुलवाया
यहां हर चीज मिलती है
बोर्ड लगवाया
एकदिन एक महोदय आए
चारों तरफ नजर डालने के
बाद बुदबुदाए
चरित्र मिलेगा
हमने कहा , नहीं
मानवता है
हमने कहा ,नहीं
ईमानदारी बेचते हो
हमने कहां ,नहीं
ये चीज भी कहीं
बाजार में बिका करती हैं
ये तो मानविक गुण हैं
जिनकी उत्पत्ति
स्वतः हुआ करती है
वे बोले
मैं कुछ नहीं जानता
आप कहीं से भी मंगवाइए
मुझे ये सब दिलवाइए
वरना
यहां हर चीज मिलती है
बोर्ड हटवाइए
धन की मेरे पास
कोई कमी नही है
मुंहमांगी रकम दूंगा
तुम्हारे घर को
सोने चांदी से भर दूंगा
ऑफर अच्छा था इतना ज्यादा
हमने एक माह बाद
सब कुछ उपलब्ध कराने का
कर लिया वादा
वे इतने व्याकुल थे
ठीक एक माह बाद आ गए
हम उन्हें देख चकरा गए
लेकिन हमने
होशोहवास पर रखते हुए काबू
उन पर चला दिया
अपनी लच्छेदार बातों का जादू
तीन खाली डिब्बे उठाए
उनको बारी बारी से दिखाए
ये ईमानदारी है
इसकी कीमत बहुत भारी है
इसे पाने के लिए
त्यागना होगा आपको
इच्छाओं को,सुख को,स्वार्थ को
वे बोले
ये सब हैं मेरे पास
लेकिन मैं नहीं छोड़ सकता
इन सबका साथ
हमने कहा
फिर ईमानदारी खरीदना
नही है आपके बस की बात
ये चरित्र है
इसकी कीमत बड़ी विचित्र है
जानना चाहेंगे सरकार
शुद्ध मन,शुद्ध विचार
दूषित मनोवृतियों को
अपने अंदर से निकालकर
चरित्र को ले जाइए
थैले में डालकर
वे बोले
दूषित मनोवृतियों ने ही
मुझे इतना ऊंचा उठाया है
प्रतिष्ठित पद पर बैठाया है
आप उन्हीं को
करना चाहते हैं हमसे जुदा
हमने कहा
हम चरित्र को
आपके सामने से रहे हैं हटा
ये मानवता है
इसकी कीमत सुनकर चौक जाओगे
अपनी सारी दौलत देकर भी
इसे नही खरीद पाओगे
मानवता की शक्ल देख
उनको छुट गया पसीना
बोले इसे हटाओ
ये कर देगी मुश्किल मेरा जीना
इसकी आंखो से झांक रही हैं
उन मजदूरों की लाश
जिनका मैने क्या है सर्वनाश
इसके होठों से फूट रही है
उन गरीबों की आह
जिनका मैने खून चूसा है
इसके चेहरे में झलक रही है
उन बेसहारों की छवि
जिनको मिलने वाला पैसा
मैने अपनी जेब में ठूंसा है
मैं मानवता को
खूबसूरत चीज समझता था
लेकिन यह तो
ऐसी भयानक शक्लों का पुलिंदा है
जिनको मिटाना ही अपना धंधा है
आप इसे मुफ्त में देंगे
तो भी नही लूंगा
समय बरबाद करने के लिए क्षमा करें
अब कभी परेशान नहीं करूंगा
हमने कहा
आप ऐसा बिल्कुल ना सोचें
कि हम परेशान है
आपका इन सब चीजों को
खरीद ना पाना ही
हम पर बहुत बड़ा अहसान है
ये सब दुर्लभ चीज़े हैं
अगर आप इन्हें खरीद लेते
तो अन्य ग्राहकों को
कुछ भी नहीं मिल पाता
और हम पर पाप भी चढ़ जाता
क्योंकि
आप जैसे कुपात्रो के हाथों में पड़कर
इनका हुलिया ही बिगड़ जाता
डॉ. पुनीत कुमार
T 2/505 आकाश रेजीडेंसी
आदर्श कॉलोनी रोड
मुरादाबाद 244001
M 9837189600