आओ मिलकर दीप जालाये

आओ मिलकर दीप जालाये,

दीपावली का पर्व मनाये,

मिटाकर न अंधेरा दीप जालाये,

अज्ञानता को भागाकर ज्ञान फैलाये,

पुष्पों से रिश्तों में खुशियां फैलाये,

आओ मिलकर दीप जालाये,

दीपावली का पर्व मानाये,

व्देष, हिंसा,लोभ, अहंकार आदि को,

भूलाकर जीवन को सफल बनाये,

रंगोलीयो से घर आंगन को सजाये,

आओ मिलकर दीप जालाये,

दीपावली का पर्व मनाया,

मिठाइयों का मिठास फैलाये,

गैरों को भी अपना बनाये,

जीवन को रंगोली के रंगों से सजाये,

आओ मिलकर दीप जालाये,

दीपावली का पर्व मनाये,

पटाखों को भूलाकर पर्यावरण रहित,

अब त्यौहार है मनाये,

शहीदों के लिए भी एक दीप जालाये,

चयानीज छोड़ मिट्टी का अब दीप जालाये,

कुम्हार के घर भी   थोडी सी खुशियां लाये,

आओ मिलकर दीप जालाये,

दीपावली का पर्व मनाये,

त्याग दिया अपनों  ने घर से किया बैघर है,

आओ उन बुजुर्गों के साथ मिलकर ये पर्व मनाये,

है नहीं जिनका इस दुनिया में उनके साथ खुशी मनाये,

अतिमो में को मिठाई,खाना भिजवाया,

आओ मिलकर दीप जालाये,

दीपावली का पर्व मनाया,

भूलाकर अमीरी-गरीबी मिलकर त्यौहार मनाते,

देश को करोना जैसी काई बिमारियों से बचाये,

आओ मिलकर अब करोना को भगाते,

आओ मिलकर दीप जालाये,

दीपावली का पर्व मनाये,

हिन्दू मुस्लिम भूलकर दीपावली का पर्व मनाये,

देश में एकता का पैगाम है फैलाये,

जीवन को अब खुशहाल बनाये,

आओ मिलकर दीप जालाये,

दीपावली का पर्व मनाये।।

कुमारी गुड़िया गौतम (जलगांव) महाराष्ट्र