वक्त को साथी बनाना सीख लो,
जिंदगी में दर्द छुपाना सीख लो,
क्या दिखाएं दर्द यहां सब अजनबी,
गम खुशी को तुम मिलाना सीख लो।
रहनुमा के संग चलना सीख लो,
दीपा आसा के जलाना सीख लो,
अंधियारे में दिखे जुगनू सदा,
राह में दीप जलाना सीख लो।
मुस्कुराने का बहाना ढूंढ लो,
हंसकर गम को भुलाना सीख लो,
ज़िंदगी बिंदास हो अपनी यहां,
मुस्कुराकर रंज मिटाना सीख लो।
चाहतों को बांटना अब सीख लो,
नफरतों को आजमाना सीख लो,
भूलकर नफरत यहां हम खुश रहें,
प्यार से नफरत भुलाना सीख लो।
अनामिका मिश्रा , (लेखिका, कवयित्री)
झारखंड सरायकेला जमशेदपुर
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