न तेरा आना हुआ,ना तेरी खबर आई…

न तेरा आना हुआ,ना तेरी खबर आई।

महकती तेरी सांसे तरबतर आई।

ख्वाबों, यादों को कौन रोक सकता है,

यादें तेरी यूं ही मेरे जेहन में जबर आईं।

तेरी तरह तेरा ख्याल भी बेहद नाजुक है,

तेरे जाने के बाद ही तेरे आने की खबर आई।

तुझ से मिले सदियां गुजर गई हैं,

हवाओं,कलियों में तू नजर आई।

मुझसे मिलने और बिछड़ने के बीच,

अब तेरे दिल में इश्क की लहर आई।

तेरा ख्याल हवा में तैरता है यूँ ही,

इस ग़ज़ल में एक नई बहर आई।

संजीव ठाकुर, रायपुर छत्तीसगढ़, 9009 415 415