उन्मुक्त गगन में उड़ती फिरती पंछी सी
बस ऐसी ही है ये छोटी सी जिंदगी
कभी तारों सितारों सी झिलमिलाती है
तो कभी दुखों के अवसादों में ले जाती है।
बड़े बड़े दुख छोटी छोटी खुशियों से
जीवन भवसागर पार कराती है ।
छोटी सी जिंदगी में इतने उतार चढ़ाव
जिनका स्मरण करते ही मन होता हैरान
जिंदगी का हर लम्हा ,कब तलक साथ
पंछी सा उड़ता रहता उन्मुकत मन
तिनके तिनके सा कभी यहां, कभी वहां।
लालबहादुर श्रीवास्तव