मेंहदी रचने वाली है……….

 हाथों में मेंहदी सुंदर रचने वाली है

शहनाई घर आंगन बजने वाली है

द्वार पिया के डोली सजने वाली है

सपने देखे थे सपनीले आंखों में 

अब साकार सजीव होने वाले हैं।

नव जीवन के मधुर मधुर रिश्ते नाते

जीवन के गमले में खुशनुमा अब

रंग-बिरंगे फूलों से खिलने वाले हैं।

मेरे प्यार की महकती बगियां में

मेरे प्राणों के प्राण माधव जी

अब बस मुझे मिलने वाले हैं।

हाथों में मेंहदी सुंदर रचने वाली है

पायलियां पैरों में खनकने वाली है

गजरे की खुशबू महकने वाली है।

     -रूबी माधव