धरने के दौरान मृतक किसानों को मिले सरकारी नौकरी और मुवावजा
बाराबंकी।(इएमएस) नए कृषि कानूनों के खिलाफ लगभग एक साल से चल रहे किसान आंदोलन के बीच षुक्रवार को पीएम मोदी ने अपने सम्बोधन में कृषि कानूनों को वापस लेने की घोषणा कर दी।
जिसके बाद निवर्तमान जिला उपाध्यक्ष अनुपम वर्मा ने कहा कि ये जनतंत्र की जीत है। किसान समाज इस फैसले का स्वागत करता है लेकिन सरकार द्वारा काफी देर से निर्णय लिया गया वरना हजारों बेकसूर किसानों की जान न जाती है। मोदी सरकार द्वारा लाये गए तीनो कृषि कानूनों के खिलाफ एक साल से दिल्ली बॉर्डर पर चल रहे किसान आंदोलन के बीच शुक्रवार को अचानक पीएम मोदी द्वारा अपने राष्ट्र के नाम सम्बोधन में कृषि कानूनों को वापस लेने की मीडिया में घोषणा होने के बाद के किसानों ने राहत की सांस ली। प्रधानमंत्री के इस फैसले पर भाकियू टिकैत के निवर्तमान जिला उपाध्यक्ष श्री वर्मा ने कहा कि पीएम मोदी द्वारा लिया गया यह फैसला काफी देर लिया गया वरना हजारों निर्दाष किसानों की जान न जाती। ये जीत जनतंत्र और शहीद किसानो की जीत जिसके आगे सरकार ने अपना अड़ियल रवैय्या छोड़कर किसानों के हित मे यह फैसला लिया। उन्होंने किसानों से अपील करते हुए कहा कि कृपया संयम बनाये रखें ज्यादा उत्साहित होने की जरूरत नहीं है। को संयुक्त मोर्चा की बैठक के बाद अगली रणनीति तय की जाएगी। श्री अनुपम वर्मा ने सरकार से अपील की है कि जितने किसानों की जान धरने के दरमियान गई है उनको मुवावजा एक सरकारी नौकरी भी दिया जाए