हाईवे पर ६२ हजार पेड़ काटे गये
जबलपुर, । एनएच १२ पर जबलपुर हिरन नदी मार्ग में ६ हजार ४३५ पेड़, जबलपुर-भोपल मार्ग पर १७ हजार पेड़, लखनादौन-कटनी-रीवा हाईवे-७ पर ३४ हजार १३४ पेड़, कुल ६२ हजार पेड़ जबलपुर क्षेत्र में हाईवें पर काटे गये, इसके बदले में अनिवार्य भरपाई पौधारोपण करने पर चुप्पी साधी गई, केवल कुछ जगह ‘‘शो-प्लांट्स’’ लगाये गये, ३० प्रतिशत तक भी भरपाई नहीं हुई है, इतनी गंभीर स्थिति बनी हुई है।
पर्यावरण पर इसका विपरित परिणाम पड़ा है, जबलपुर क्षेत्र की आबोहवा खराब होने में यह भी एक प्रमुख बिन्दु बना है। जबलपुर में १७ नवंबर को वायु गुणवत्ता इण्डेक्स ३४७ ‘‘पुअर’’ श्रेणी का था। अत: वेंâद्रीय तथा राज्य सड़क निर्माण संस्थाओं को दंडित कर उनसे मुआवजा वसूला जाए, इस राशि से पौधारोपण प्रक्रिया तत्काल शुरु की जाये। इस मांग का नोटिस नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच के डॉ.पीजी नाजपांडे तथा रजत भार्गव ने भेजा है। नोटिस में वेंâद्र तथा राज्य वन एवं पर्यावरण मंत्रालय को बताया है कि पूर्व में १० अगस्त २०२१ को भी यह मांग की गई थी कि इस वर्षा ऋतु का लाभ लेकर भरपाई पौधारोपण किया जाये, इस बाबद रोड निर्माण वंâपनियों ने अनुबंध शर्तों का उल्लंघन किया है। इसेक बावजूद भी वेंâद्रीय तथा राज्य सड़क निर्माण संस्थाओं ने चुप्पी साधी है।
एक्स्पर्ट कमेटी का गठन करें…………….
एड.प्रभात यादव ने बताया कि वृक्षों की केवल आर्थिक लाभ नहीं बल्कि उनके काटे जाने के पर ऑक्सीजन उत्सर्जन के हानि का भी मूल्यांकन कर तदानुसार मुआवजा वसूला जाना चाहिए, अत: एक्सपर्ट कमेटी का गठन जरुरी है, किन्तु वेंâद्रीय तथा राज्य सड़क निर्माण संस्थाओं ने ऐसे एक्सपर्ट कमेटी का गठन अभी तक नहीं किया है। एनजीटी में केस दायर कर यह समुचा मामला पेश किया जायेगा।