इन्दौर । श्रीमद् भागवत श्रवण करने से हमारे पाप और ताप मिट जाते हैं एवं हमारे संकटों का नाश हो जाता है। भागवत श्रवण करने से हमारी मन स्थिति अवश्य बदलती है, हमारी सोच भी सकारात्मक हो जाती है और जीवन में मस्त रहने की प्रेरणा मिलती है। जो मस्त रहना सीख लेता है वह हर परिस्थिति में आनंदित रह सकता। इसलिए कहा गया है जिसकी मस्ती जिंदा है उसकी हस्ती जिंदा है, जिसकी मस्ती जिंदा नहीं है वह तो जबरदस्ती ही जिंदा है।
उक्त विचार अंतर्राष्ट्रीय रामस्नेही संप्रदाय के वरिष्ठ संत रामप्रसाद महाराज बड़ोदरा वालों ने रामद्वारा छत्रीबाग इन्दौर में सद्गुरु परिवार द्वारा आयोजित श्रीमद् भागवत कथा में प्रथम दिन व्यक्त किये। संत रामप्रसाद महाराज के मुखारविंद से 356 श्रीमद् भागवत कथा का रसपान मध्य प्रदेश गुजरात राजस्थान मुंबई अन्य स्थानों पर कराया जा चुका है। मंगलवार से इन्दौर में 357वीं श्रीमद् भागवत कथा संत रामप्रसाद महाराज कथा का श्रवण श्रद्धालुओं को रामद्वारा में करा रहे हैं। श्रीमद्भागवत प्रारंभ होने से पहले मंगलवार दोपहर को छत्रीबाग क्षेत्र में श्रीमद् भागवत पोथी यात्रा एवं कलश यात्रा निकाली गई इसमें बड़ी संख्या में मातृशक्ति शामिल हुई कलश में जल लिए सर पर धारण कर यात्रा निकाली गई जिसमें भजनों की सुमधुर प्रस्तुति पर मध्य क्षेत्र गुंजायमान रहा यात्रा में श्रद्धालुओं पर पुष्प वर्षा भी की गई जिसके अंदर सैकड़ों भक्तों ने लाभ लिया एवं रामद्वारा सत्संग मंडल एवं ट्रस्ट मंडल एवं संत ज्ञानी राम महाराज धीरज राम महाराज एवं भक्तों ने सत्संग का लाभ लिया सद्गुरु परिवार समिति के कार्यकर्ताओं ने शहर की धार्मिक जनता को सत्संग का लाभ लेने का आह्वान किया है। सद्गुरु परिवार इन्दौर की महिला इकाई सद्गुरु परिवार महिला मंडल के द्वारा यह कथा का आयोजन हो रहा है।
:: प्रतिकूलता में आनंदित रहने की कला सिखाती है श्रीमद् भागवत ::
संत रामप्रसाद महाराज ने श्रीमद्भागवत का महत्व बताते हुए कहा कि आज के तनाव भरे समय में श्रीमद् भागवत का महत्व और भी ज्यादा है। संतश्री ने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति के जीवन के अंदर अनुकूलता एवं प्रतिकूलता तो आती है परंतु प्रतिकूलताओं में भी आनंदित रहने की कला भागवत सिखाती है इसलिए भागवत का आश्रय लेते रहना चाहिए।
:: भजनों की संगीतमय प्रस्तुति ::
श्रीमद् भागवत कथा के दौरान संगीत में भजनों की प्रस्तुति दी गई। इसमें हारमोनियम, तबला व वाद्य यंत्रों की स्वर लहरियां मुक्त कर रही थी तो स्वामीजी के मुख से ओम नमो भगवते वासुदेवाय जाप मध्य क्षेत्र को गुंजायमान कर रहा था। इसके साथ ही कृष्ण जिनका नाम है गोकुल जिनका धाम है ऐसे श्री भगवान को बारंबार प्रणाम है… भजन की प्रस्तुति पर मातृशक्ति और श्रद्धालु मुक्त नजर आए और भगवान श्रीकृष्ण की भक्ति में लीन हो गए।
:: आज ध्रुव चरित्र और संस्कार विषय पर प्रवचन ::
छत्रीबाग रामद्वारा में संत रामप्रसाद महाराज द्वारा श्रीमद् भागवत कथा के दूसरे दिन बुधवार 24 नवंबर को धु्रव चरित्र के साथ समाज को संस्कार वर्धन बनाने पर प्रवचन दिए जाएंगे 29 नवंबर तक छत्रीबाग रामद्वारा में दोपहर 2 से शाम 5 बजे तक श्रीमद् भागवत कथा का श्रवण संतश्री के द्वारा कराया जाएगा। इस अवसर पर संगीत में भजनों की प्रस्तुति और मनमोहक नाट्य प्रस्तुतियां भी दी जाएंगी।