कृष्ण आएँगे किसी जन्माष्टमी,
पूछेंगे-
ये कौरव और पांडव
एक तरफ कब आ गए?
ये चिताओं से
सारे कौरव कब लौट गए?
राम से बताएँगे-
धर्म-अधर्म की लड़ाई
खत्म हो गयी।
रावण-राम भी
एक हो गए।
सारे धृतराष्ट्रों पर क्रोध करेंगे,
क्यों सिर्फ सुनते रहे?
गांधारी से पट्टी,
फेंक देने को कहेंगे।
कृष्ण रूठ जाएँगे,
राधा-रुक्मणी-मीरा
कैसे इस अंधेरे में आएंगी
साथ?
पर अब जब आएँगे
किसी से कुछ नहीं कहेंगे।
नहीं करेंगे वैसी लीला
कृष्ण-शिव एक होकर आएँगे
देखना।
पारुल पाण्डेय
भिलाई, छत्तीसगढ़