वो एहसासे छुअन आज भी याद है मुझे
मैं तो भूली ना वो छुअन क्या याद है तुझे।।
वो तेरा मेरा एक बार हुआ था कभी सामना
उस सामने में नजरों का मिलना याद है मुझे।।
उन नजरों के मिलन से हमारे दिल थे धड़के
वो धड़कनों का धड़कना किया था बेकरार हमें।।
एहसासे खुशबू तेरी हमें यू थी गुदगुदाती
वो गुदगुदाती महक लगे आज भी जैसे साथ ही हमें।।
इसी एहसास-ए छुअन को कहते हैं सच मोहब्बत
वो मोहब्बत के हर एक पल लगे थे खास हमें।।
तुम्हारी बांहों में खो जाती थी ये वीना अकसर
वो तेरी बांहों का फंदा लगे आज भी
जैसे साथ हमें।।
वीना आडवानी तन्वी
नागपुर, महाराष्ट्र
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