हिमाचल में फिल्म सिटी स्थापित करने की तैयारी में जयराम ठाकुर सरकार

शिमला । हिमाचल के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने सोमवार को अंतरराष्ट्रीय फिल्म फेस्टिवल, शिमला के पुरस्कार समारोह को संबोधित कर कहा कि प्रदेश सरकार भाषा, कला एवं संस्कृति के संरक्षण पर निरतंर बल दे रही हैं, इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए फिल्में श्रेष्ठ विकल्पों में एक हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने राज्य में फिल्मों की शूटिंग को प्रोत्साहित करने के लिए अपनी फिल्म नीति तैयार की है।सीएम ने कहा कि प्रदेश सरकार ने हिमाचल में फिल्म सिटी स्थापित करने के लिए 100 करोड़ रुपये का समझौता ज्ञापन तैयार किया है, ताकि फिल्म निर्माताओं को उनकी फिल्म शूटिंग के लिए अनुकूल वातावरण मिल सके। फिल्म सिटी की स्थापना के बाद देश व विश्व के फिल्म निर्माता प्रदेश में ही पूरी फिल्म की शूटिंग तथा निर्माण कर सकते हैं।
सीएम ठाकुर ने कहा कि प्रदेश के खूबसूरत स्थानों तथा प्राकृतिक सौन्दर्य के फलस्वरूप देश तथा विदेश के अनेक फिल्म निर्माताओं ने हिमाचल में अपनी फिल्मों की शूटिंग की है, लेकिन हिमाचल अपना फिल्म उद्योग विकसित नहीं कर सका। मुख्यमंत्री ने कहा कि शिमला फिल्म फेस्टिवल जैसे आयोजन प्रदेश में फिल्म निर्माण से संबंधित सकारात्मक वातावरण सृजित करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।प्रदेश सरकार इसतरह के आयोजनों को आयोजित करने के लिए संपूर्ण सहयोग प्रदान कर रही है। उन्होंने खुशी जाहिर कर कि फिल्म फेस्टिवल के दौरान मॉडल सेन्ट्रल जेल कंडा के बंदियों के लिए भी एक विशेष फिल्म प्रदर्शित की गई।
सीएम ठाकुर ने फिल्म फेस्टिवल के प्रतिभागियों, आयोजक हिमालयन विलोसिटी, भाषा, कला एवं संस्कृति विभाग, फिल्म निर्देशकों, निर्माताओं तथा कलाकारों को अंतरराष्ट्रीय फिल्म फेस्टिवल के सातवें संस्करण को सफल बनाने के लिए बधाई दी।उन्होंने इस मौके पर श्रेष्ठ फिल्मों, लघु फिल्मों तथा वृत्तचित्र को पुरस्कार भी प्रदान किए। शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज ने कहा कि शिमला शहर भारतीय सिनेमा के आरंभ से फिल्म निर्माताओं की प्रथम पंसद है। भारतीय सिनेमा देश के समृद्ध सांस्कृतिक विविधता को सुदृढ़ करने के लिए श्रेष्ठ विकल्पों में से एक है।
प्रसिद्ध फिल्म निर्माता एवं निर्देशक विजय ने कहा कि फिल्म निर्माताओं के लिए हिमाचल प्रदेश हमेशा ही पसंदीदा गंतव्य रहा है।उन्होंने कहा कि कोरोना के कारण फिल्म उद्योग पर विपरीत प्रभाव पड़ा था और अब सिनेमा जगत ने पुनः कार्य आरंभ कर दिया है। भारतीय सिनेमा अब पुनः गतिविधियों का केन्द्र बन रहा है।