कोरोना: साढ़े चार हजार सैंपल की जांच में ‎मिले 15 संक्र‎मित

‎जिले में सक्रिय मरीजों की संख्या अब 50 से ऊपर पहुंची
भोपाल । राजधानी में कोरोना के पिछले एक हफ्ते से लगातार मरीज बढ़ रहे हैं। शहर में सोमवार को साढ़े चार हजार सैंपल की जांच में 15 मरीज मिले हैं। जिले में सक्रिय मरीजों की संख्या अब 50 से ऊपर पहुंच गई है। रविवार को 47 मरीज थे। यह मरीज औचक तौर पर लिए सैंपल और फीवर क्लीनिकों में लिए गए सैंपल की जांच में मिले हैं। हालांकि, स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का कहना है कि सक्रिय मरीजों में कोई गंभीर नहीं है। इनमें करीब 10 मरीज ही अस्पतालों में इलाज करा रहे हैं। बाकी होम आइसोलेशन में हैं। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने बताया कि सोमवार को आई रिपोर्ट में कुल 23 मरीज मिले हैं। इनमें 15 भोपाल के और बाकी दूसरे जिलों के हैं। भोपाल के मरीजों के संपर्क में आए लोगों की भी पहचान की जा रही है। उनके भी सैंपल लिए जाएंगे। भोपाल में मरीज बढ़ने की बड़ी वजह लोगों की लापरवाही है। धरना, प्रदर्शन समेत भीड़ वाले कई आयोजन हो रहे हैं, लेकिन लोग मास्क नहीं लगा रहे हैं। जिले में मरीजों की संख्या ज्यादा होने की दूसरी वजह यह है कि कोरोना से ज्यादा प्रभावित राज्यों से सीधी ट्रेनें भोपाल आ रही हैं। इन राज्यों से संक्रमित होकर मरीज भोपाल पहुंच रहे हैं। यही वजह है कि स्वास्थ्य विभाग ने स्टेशनों और बस स्टैंड में आने वाले ज्यादा लोगों की जांच शुरू कर दी है। बता दें ‎कि कोरोना के मरीज बढ़ने और ओमिक्रोन नामक नए वैरिएंट की दस्तक के बाद कोरोना से बचाव का टीका लगवाने वालों का आंकड़ा बढ़ रहा है। सोमवार को पूरे प्रदेश में पांच लाख 25 हजार लोगों ने टीका लगवाया। भोपाल में 13, 811 लोगों को टीका लगाया गया। भोपाल में 19 लाख 50 हजार लोगों को टीका लगाने का लक्ष्य था। इसमें अभी तक 20 लाख 37 हजार को पहली और 15 लाख 28 हजार को दोनों डोज लगी हैं। इस तरह भोपाल में पहली डोज लगवाने वालों का आंकड़ा 100 फीसद के ऊपर पहुंच गया है। इस बार में कोविड-19 के राज्य सलाहकार डा. लोकेन्द्र दवे का कहना है ‎कि कोरोना की शुरू से यह ट्रेंड रही है। मरीज बढ़ने के बाद घटते हैं। इसके बाद फिर बढ़ते हैं। इसकी वजह यह कि जब मरीज कम होने लगते हैं तो लोग लापरवाह हो जाते हैं। वह मास्क लगाना बंद कर देते हैं। हाथ सैनिटाइज नहीं करते। इस कारण मरीज बढ़ते हैं। कोरोना के व्यवहार को लेकर कुछ नहीं कहा जा सकता है। बार-बार वायरस में म्यूटेशन देखने को मिल रहा है, इसलिए बचने के अलावा कोई विकल्प नहीं है।