मैने देखा जो एक सपना,
उसे पूरा करना होगा।
पथ में है अनेक कांटे,
पर मेरा हौसला कम न होगा।
असफलता है जीवन की कहानी,
मुझे सफल होना होगा।
बाधाएं मुझे रोके खड़ी है,
पर मेरा हौसला कम ना होगा।
गिरकर भी मैं संभल जाऊं,
गिरकर मुझे उठना होगा।
लक्ष्य को पाना है कठिन,
पर मेरा हौसला कम ना होगा।
बह जाऊँ लहरों के संग में,
तैर कर निकलना होगा।
संसार भंवर में फंस जाऊँ,
पर मेरा हौसला कम ना होगा।
सपना अटूट है, दृढ़ है मेरा,
उसको नहीं भूलना होगा।
हो जाये तन जीर्ण क्षीर्ण,
पर मेरा हौसला कम ना होगा।
प्रभु गरासिया
भीमाणा, बाली, पाली राजस्थान