मन सुंदर तो जग सुंदर

ए मुसाफिर सुन जीवन तो चलता जाएगा

कर्म कर तू , धर्म कर तू सच्चे दिल से

सच मन संग तुझे जग सुंदर नज़र आएगा।।

पाप-कपट करे यदि कोई तो 

उसे समझा सही राह दिखाएगा

तेरा सौम्य स्वभाव देख शायद

भटका को सही राह पर आएगा।।

खुशी होगी तब, जब एक भी सुधर जाएगा

देखो खुद का मन सुंदर तुम रखना 

तभी तो जग को भी सुंदर बनाएगा।।

मिला तुझे मानव जन्म सफल इसे

तभी तो कर पाएगा।।

पाप कर्म न कर, भक्ति करना तभी

सभी के दिलों में छाएगा।।

सच मन सुंदर तो जग सुंदर नज़र आएगा।।२।।

वीना आडवानी तन्वी

नागपुर, महाराष्ट्र

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