नये पिता

वह एक बहुत बड़ा हाॅल था, जिसकी ऊँची छत पर जगमगाता हुआ एक विशाल झूमर, काफ़ी आकर्षक लग रहा था l शहर का बड़ा और संभ्रांत वर्ग वहाँ आमंत्रित था l दिवाकर को भी उसके कॉलेज मित्र जाॅक फिलिप्स ने, इस भव्य पार्टी में बुलाया था l

” ओह माय गॉड! वाट ए बिग लेविस पार्टी!”

दिवाकर के मुँह से अनायास निकला l

” ओह दिवाकर! आप यहाँ हैं, आपको यहाँ देखकर मन खुश हुआ l आओ मैं आपको डैड से मिलवाता हूँ l”

” आपके डैड से तो मैं मिल चुका हूँ, फिलिप!”

” मिल चुके हो!, कब और किसने  मिलवाया आपको ?”

फिलिप ने हैरत से पूछा l

” अरे भूल गये! आप ही ने तो मिलवाया था पिछले साल, न्यूजर्सी के रेस्त्रां में, आपके खुद के जन्मदिवस पर I”

दिवाकर ने मुस्कुराते हुए कहा l

” ओह, वह तो पुरानी बात है l आप मिस्टर रिचर्ड फिलिप्स की बात कर रहे हैं l मैं आपको अपने नये डैड से मिलवाता हूँ l”

” नये डैड!”…. मतलब मिस्टर फिलिप्स अब नहीं रहे! “

दिवाकर ने दुःख प्रकट करते हुए कहा l

” नो – नो, वे जिंदा है.. यस, नो डाऊट, वे मुझे बहुत प्यार करते थे और मैं भी…. पर माँ ने अब उन्हें रिलीज़ कर दिया है l”

फिलिप ने थोड़ा उदास होते हुए कहा l

“लेकिन क्यों?” 

” क्योंकि उनका बिज़नेस डूब गया था और साथ ही रोज़ – रोज़ की फ्रस्ट्रेशन से माँ के साथ रिश्ता भी l”

” ऐसे में तो आपकी माँ को उनके साथ होना चाहिए था फिलिप ?”

“आप ठीक कहते हैं दिवाकर! पर माँ ने ऐसा नहीं किया, बल्कि उन्होंने मिस्टर रिचर्ड से किनारा करना बेहतर समझा l मिस्टर हेनरी डाउसन अब मेरे नये डैड हैं और वे एक बड़े बिजनेसमैन हैं l उनसे मुझे तीन सौतेले भाई मिले हैं जो मुझे बिल्कुल पसंद नहीं करते……. और न ही माँ को l ख़ैर छोड़ो इसे , आप बताओ दिवाकर! आपके डैड अभी भी आपके साथ ही हैं या आपकी माँ ने भी आखिरकार उन्हें रिलीज़ कर दिया? “

” नहीं फिलिप!, मेरी माँ एक भारतीय हैं और पिता भी l”

” काश! मैं भी इंडियन होता l”

कहकर फिलिप चला गया l उसे जाते देख अचानक ही दिवाकर को यह भव्य बड़ी पार्टी बहुत छोटी लगने लगी l

नेतराम भारती

गाज़ियाबाद उत्तर प्रदेश