सितारों को छुऐ नारी, जमाना रोक कर देखे।
विचारों को पलट देगी, जमाना रोक कर देखे।
कहाँ तुमने अभी देखी, हमारी कुछ छुपी ताकत।
बढ़ेगी आज हर नारी ,जमाना रोक कर देखे ।
बड़ी बंदिश लगाई थी , रिवाजों के सहारे से ।
सभी को तोड़ वो देगी, जमाना रोक कर देखे।
कहाँ सत्ता सँभालोगी ,कहा लाँघों नहीं रेखा।
चुनावों में खड़ी नारी ,जमाना रोक कर देखे।
नहीं नाजुक अभी नारी,खिताबे- फूल मत देना।
बनी फौलाद के जैसी ,जमाना रोक कर देखे।
सभी वो खेल खेलेगी, कहाँ नारी अनाड़ी है ।
बनेगी वह खिलाड़ी भी, जमाना रोक कर देखे।
अकेले तुम न जा नारी, डराता क्यों जमाना ये।
हमें जाना कहीं पर भी, जमाना रोक कर देखे।
शिप्रा सैनी (मौर्या)
जमशेदपुर