डॉक्टर अखिलेश गुमाश्ता की नूतन कृति हाइकू गीता लोकार्पित
जबलपुर । ईश्वर पर्याप्त है फिर चाहे कितने भी शत्रु हों। ये भाव है संस्कारधानी के विरले विद्वान की नूतन कृति हाइकू गीता के, जिसमें वो भगवद गीता के अंतिम श्लोक को भावार्थ दे रहे हैं। यह एक छोटा सा उदाहरण है। हाइकू गीता में ऐसे विविध विलक्षण भाव मौजूद हैं। उक्ताशय के विचार मुख्यमंत्री के एडिशनल चीफ सेक्रेटरी ओपी श्रीवास्तव ने मुख्य वक्ता की आसन्दी से व्यक्त किये। अवसर था मानस भवन सभागार में आयोजित गीता जयन्ती एवं डॉक्टर अखिलेश गुमाश्ता रचित हाईकू गीता के लोकार्पण समारोह का। श्री श्रीवास्तव ने नई कृति की गहन विवेचना करते हुए कहा कि डॉक्टर गुमाश्ता ने भगवद गीता के अथाह सागर से मर्म का नया मोती निकालने का सौभाग्य प्राप्त किया है। उन्होंने बताया कि गीता पर हज़ारों टीकायें लिखी जा चुकी हैं और यह सिलसिला अनवरत जारी रहेगा परन्तु उन सभी में हाइकू गीता एक मणिक की भांति प्रदीप्त रहेगा। श्री श्रीवास्तव ने उनकी इस कृति पर सांगोपांग प्रकाश डाला।
गीता पाठ से शुभारंभ……………
कार्यक्रम का शुभारंभ स्कूली छात्राओं द्वारा गीता के श्लोकों के सस्वर पाठ से किया गया। छात्राओं द्वारा इन श्लोकों को कण्ठस्थ कर इनका वाचन किया गया।
ये रहे मंच पर मौजूद……………
कार्यक्रम के मुख अतिथि सरस्वती स्वामी गिरीशानन्द रहे। अध्यक्षता पूर्व वित्त मंत्री तरुण भानोट ने की। विशिष्ट अतिथियों के रूप में ज्ञानेश्वरी दीदी, विधायक अजय विश्नोई, रानी दुर्गावती विवि के कुलपति कपिल देव मिश्र व पत्रकार संजय सिन्हा की उपस्थिति रही।
तपस्या का परिणाम है:गिरीशानन्द………….
कार्यक्रम के मुख अतिथि सरस्वती स्वामी गिरीशानन्द महाराज ने कहा कि श्री गुमाश्ता की नवीन कृति उनकी तपस्या और लगन का परिणाम है। उन्होंने कहा कि श्री गुमाश्ता का कार्य विभिन्न पहलुओं से प्रशंशनीय व अनुकरणीय है।
युवा वर्ग तक पहुंचेगी गीता……………
ज्ञानेश्वरी दीदी ने कहा कि हाइकू गीता की दी प्रमुख विशेषताएं हैं। एक, ये हाइकू में लिखी गयी है,जिसमें अर्थ तो व्यापक है परंतु स्वरूप लघु है। दूसरे, ये अंग्रेजी भाषा में रची गयी है। इस दृष्टिकोण से गीता अब हमारे युवाओं तक सीधी पहुंच सकेगी। इसका पूरा श्रेय डॉक्टर गुमाश्ता को जाता है।
इन्होंने भी रखे विचार……………
कार्यक्रम के दौरान विधायक अजय विश्नोई ने स्वागत भाषण देते हुए डॉक्टर गुमाश्ता के विलक्षण व्यक्तित्व और उनकी ताज़ा कृति के बारे में विस्तार से बात की। पूर्व वित्त मंत्री तरुण भनोट ने कहा कि ये कृति संस्कारधानी के लिए गौरव का विषय है। इस अभियान में हमसे जो सहयोग बनेगा,किया जाएगा। वहीं रादुविवि के कुलपति कपिल देव मिश्र ने भी हाइकू गीता और भगवद गीता के श्लोकों को उध्दत करते हुए सारगर्भित विवेचना की। इसी कड़ी में पत्रकार संजय सिन्हा ने भी अपने उदबोधन में गीता के विविध पहलुओं को स्पर्श किया।
संचालन में छा गए सुदीप भोला…………..
ख्यात कवि शहर के लाड़ले सुदीप भोला ने जिस अंदाज में इस कार्यक्रम का संचालन किया,उससे सभी अभिभूत हुए। बेहद शालीन और सुगठित भाषा शैली ने कार्यक्रम को नए आयाम प्रदान किये।
गीता में शस्त्र भी है शास्त्र भी………………
अपनी नई कृति के बारे में बात करते हुए डॉक्टर अखिलेश गुमाश्ता ने कहा कि गीता के प्रत्येक श्लोक में अद्भुत मर्म विद्यमान हैं। एक ओर शस्त्र हैं तो दूसरी ओर शास्त्र भी। उन्होंने कहा कि हमें अब यह तय करना होगा कि हमारा जीवन गीता के किस अध्याय पर है और अब हमारी अगली यात्रा क्या होगी।