शो ‘तेरा यार हूँ मैं’में राजीव ने अपने बेटे का दिल जीतने के लिये कुछ भी कर गुजरने का फैसला किया है। बैरी के साथ एक दुखद दुर्घटना होती है, जिसमें उसकी याददाश्त आंशिक रूप से चली जाती है, इसके बाद राजीव आगे बढ़ते हैं और किसी भी तरह से बैरी का दिल जीतने की ठान लेते हैं।
बैरी को राजीव और दलजीत का करीब होना पसंद नहीं है और वह बार-बार इस पर सवाल उठाता है। उसे राजीव और दलजीत का एक फोटो मिल जाता है और उसका गुस्सा बढ़ जाता है। राजीव बैरी का दोस्त बनने का फैसला करते हैं, क्योंकि वे अपने बेटे ऋषभ के दोस्त पहले हैं और पिता बाद में। बैरी को कराटे पसंद है, यह सुनकर वह बैरी के साथ अपनी दोस्ती का पहला कदम बढ़ाते हैं। बैरी राजीव को चुनौती देता है कि वह टेलीविजन पर एक कराटे चैम्पियन के साथ कड़ा मुकाबला करें। राजीव खुली बाहों से यह चुनौती स्वीकारते हैं, लेकिन बाद में असलियत से सामना होने पर उन्हें झटका लगना तय है।